नई दिल्ली। जहां एक तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामे जाने से देश की सियासत में भूचाल सा आया हुआ है। वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और गांधी परविार के चश्मो चिराग इस इतने बड़े खेल के बजाय तेल की बढ़ती कीमतों को लेकर ज्यादा चिंतित नजर आये। जिसको लेकर तमाम सियासी जानकारों का मानना है कि जिस तरह से बदलता जा रहा है आज कांग्रेस का दौर तो अब बखूबी उनको तेल और तेल की धार दोनों ही पर बखूबी करना होगा गौर।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में जारी राजनीतिक घमासान और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने पर राहुल गांधी ने सीधे तौर पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि बाद में उन्होंने ट्वीट कर तेल के दाम को लेकर चिंता जताई। उन्होंने मोदी सरकार से तेल के दाम में कमी करने की अपील की। दरअसल संसद सत्र में शामिल होने पहुंचे राहुल गांधी से जब पत्रकारों ने सिंधिया के इस्तीफे को लेकर सवाल किया तब वे बिना जवाब दिए चले गए।
राहुल गांधी ने पीएमओ इंडिया को टैग करते हुए ट्वीट किया कि जब आप एक निर्वाचित कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने में व्यस्त थे, तो आप वैश्विक तेल की कीमतों में 35 फीसदी की कमी को नोटिस करने से चूक गए होंगे। क्या आप कृपया पेट्रोल की कीमतों को 60 रुपये प्रति लीटर से कम करके भारतीयों को लाभ पहुंचा सकते हैं? यह रुकी हुई अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
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