अमरोहा. जिस बेटी के अपहरण व हत्या के मामले में उसके पिता और सगे भाई बीते सात माह से जेल की सजा काट रहे थे, वही बेटी अपने पति के साथ सुखी जीवन बिता रही थी. ये मामला है अमरोहा जिले का, जहां युवती के जीवित होने की जानकारी मिलने पर लोगों ने थाना घेर लिया और हंगामा करते हुए पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए और निर्दोष लोगों को जेल से मुक्त कराने तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. वहीं एसपी ने प्रथम दृष्टया घटना के विवेचक तत्कालीन थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया है. मामला उत्तर प्रदेश के अमरोहा का है.
दरअसल 6 फरवरी, 2019 को किसान सुरेश सिंह की 19 वर्षीय बेटी कमलेश अचानक लापता हो गई थी. स्वजनों ने गजरौला थाना क्षेत्र के गांव सुल्तानपुर निवासी हरफूल व होराम पर बेटी को बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले जाने की आशंका जताते हुए रिपोर्ट लिखाई थी. मुकदमे की विवेचना करते हुए पुलिस ने दोनों आरोपितों को जेल भेज दिया. युवती बरामद नहीं हुई तो पिता ने न्यायालय की शरण लेते हुए मामले की दोबारा जांच कराने की मांग की. पुलिस ने दोबारा मामले की जांच करते हुए 28 दिसंबर, 2019 को युवती के पिता सुरेश, भाई रूपकिशोर व गांव में सिलाई करने वाले ग्राम शीशोवाली गजरौला निवासी रिश्तेदार देवेंद्र को ही युवती की हत्या करने के आरोप में जेल भेज दिया, तभी से तीनों जेल में बंद हैं.
इत्तेफाक से युवती का एक भाई राहुल गुरुवार 6 अगस्त को ग्राम पौरारा में किसी काम से गया था. वहां उसकी एक घर के सामने बाइक खराब हो गई. युवक की सामने वाले घर में नजर पड़ी तो उसकी बहन कमलेश उसे दिखाई पड़ी. उसने तत्काल अपनी मां चंद्रवती को जानकारी दी. स्वजन रात में ही पौरारा पहुंच गए.
युवती अपने प्रेमी राकेश सैनी के घर उसके साथ पत्नी के रूप में रह रही है. उसका 13 महीने का बेटा भी है. ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने युवती व उसके प्रेमी को हिरासत में ले लिया है. पुलिस अधीक्षक डॉ. विपिन ताडा ने थाना आदमपुर पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी ली. अब पुलिस बरामद युवती को कोर्ट में पेश कर बयान की तैयारी में है.
इनका कहना…..
– प्रथम दृष्टया विवेचना में लापरवाही पाए जाने पर तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अशोक शर्मा को निलंबित कर दिया गया है. युवती के कोर्ट में बयान कराने के बाद निर्दोष पिता-पुत्र को जेल से रिहा कराया जाएगा.
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