लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिये बगैर आज कहा कि ‘हुक्मरान’ मन की बात तो खूब करते है लेकिन किसान की बातें करने में संकोच करते हैं।
अखिलेश यादव ने यहां जारी बयान में कहा कि किसान परेशान है मगर उसकी समस्याओं के समाधान के लिए सरकार गंभीर नहीं है। किसान सत्तारूढ़ दल के किसी एजेंंडा में शामिल नही दिखाई देता है। सच तो यह है कि जबसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में आई है, किसान आर्थिक संकट में घिरता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि किसान को फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है। चुनाव के पहले उनकी पार्टी के नेताओं ने वादा किया था कि वह लागत मूल्य में 50 प्रतिशत अतिरिक्त जोड़कर उसको फसल का लाभकारी समर्थन मूल्य देगी। सत्ता के बाद किसान की कर्जमाफी के नाम पर चंद रूपयों के लिए उसका मजाक उड़ाया गया।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार ने किसानों के लिए 75 प्रतिशत बजट रखा था और आपदा राहत के साथ मुत सिंचाई सुविधा भी दी थी। भाजपा ने कृषि के बजाय पूंजी घरानों के हित साधना शुरू कर दिया है। केवल प्रचार माध्यमों पर सत्तारूढ़ दल के प्रभाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि किसान की समस्याओं पर टीवी पर कोई जिक्र नहीं होता है। उसकी दुर्दशा पर चर्चा नहीं होती। इससे यह अर्थ निकालना कि किसान खुशहाल है बेमानी होगा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी चाहते है कि देश में विचार और विकास की राजनीति होनी चाहिए। भाजपा बात तो विकास की करती है लेकिन जातिवाद और साप्रदायिकता की संकीर्ण राजनीति अपनाए रहती है। इस सच्चाई पर चर्चा होना आवश्यक है।
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