अलवर. राजस्थान के अलवर में सराय गोल चक्कर में सड़क चौड़ी करने के दौरान अतिक्रमण हटाने पर विवाद शुरू हो गया है. रास्ते में आए 300 साल पुराने मंदिर पर भी बुलडोजर चलाया गया. इस कार्रवाई पर भाजपा ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है. भाजपा का कहना है कि विकास के नाम पर मंदिर को तोडऩा सही नहीं है. कांग्रेस बदले की राजनीति कर रही है. वहीं, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि राजगढ़ नगर पालिका में भाजपा का बोर्ड है और उसी ने यह कार्रवाई की है.
प्रशासन ने दिया मास्टर प्लान का हवाला
प्रशासन का कहना है कि मास्टर प्लान के अनुसार, राजगढ़ में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है. सालों से यहां बहुत ज्यादा अतिक्रमण हो गया था. राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार, यहां करीब 60 फीट का रास्ता है. यह 25 फीट भी नहीं बचा था. इस कारण जेसीबी से अतिक्रमण हटाया गया है. कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा ने कहा कि राजगढ़ कस्बे में अतिक्रमण हटा है. यहां की नगर पालिका में भाजपा का बोर्ड है. इस कारण वे ज्यादा कुछ नहीं कह सकते हैं. दूसरी तरफ, नगर पालिका बोर्ड अध्यक्ष का कहना है कि यह कार्रवाई प्रशासन के स्तर पर की है. प्रशासन का कहना है कि नगर पालिका बोर्ड के स्तर पर प्रस्ताव पारित हुआ है. उसके बाद ही अतिक्रमण हटाया गया है. असल में 2012 के मास्टर प्लान में यह 60 फीट की रोड है. इस मास्टर प्लान का हवाला देकर कार्रवाई की है.
भाजपा सांसद बोले- गलती हुई
राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता किरोड़ीलाल मीणा ने इस कार्रवाई पर टिप्पणी करते हुए कहा कि भाजपा के बोर्ड से यह गलती हुई है. इसे नहीं तोड़ा जाना था. वहीं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि 300 साल पुराना मंदिर अतिक्रमण कैसे हो सकता है. भाजपा अपनी एक टीम मौके पर भेज रही है, जो तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी.
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