दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक ने पर्याप्त पूंजी की कमी के चलते महाराष्ट्र के द लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है. साथ ही इस बैंक को दिए निर्देश में कहा है कि वो अपने अकाउंट होल्डर्स को 5 लाख रुपये तक वापस भी करे.
आरबीआई के आदेश के बाद अब लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक कारोबार या लेन-देन समेत अन्य वित्तीय कार्य नहीं कर सकेगा. आरबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रत्येक जमाकर्ता डीआईसीजीसी एक्ट, 1961 के प्रावधानों के तहत जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम से 5 लाख रुपये तक का दावा करने का हकदार होगा.
आरबीआई ने पर्याप्त पूंजी की कमी का हवाला देते हुए लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया. केंद्रीय बैंक की ओर से जारी बयान में कहा गया कि लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द किया गया है, क्योंकि उसके पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं.
गौरतलब है कि डीआईसीजीसी इंश्योरेंस स्कीम के तहत बैंकों में जमा 5 लाख रुपये तक की राशि का इंश्योरेंस होता है. इस वजह से बैंक के दिवालिया होने या उसका लाइसेंस रद्द होने की स्थिति में ग्राहक को इतनी डिपॉजिट रकम राशि डूबने का खतरा नहीं रहता है. डीआईसीजीसी, भारतीय रिजर्व बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी है, जो बैंक जमा पर 5 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस कवर देती है.
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