नई दिल्ली। सरकारी नौकरी के सपने देखने वालों के लिए एक खास और बेहद जरूरी खबर है कि संसद की एक स्थायी समिति ने सरकार को सरकारी नौकरी पाने वालों के लिए सेना में पांच साल तक की सेवा को अनिवार्य करने का प्रस्ताव दिया है। संसदीय समिति ने इस बारे में डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रैनिंग को इस बारे में एक पत्र लिखा है। यह विंग प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करती है। समिति ने डीओपीटी से कहा है कि वो इस बारे में एक प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजे।
मिली जानकारी के मुताबिक संसदीय समिति ने कहा है कि सरकारी नौकरियों के लिए अगर सैन्य सेवा अनिवार्य यानी कम्पलसरी की जाती है तो इससे सशस्त्र सेनाओं में हो रही जवानों की कमी को भी पूरा किया जा सकेगा। डीओपीटी ही वो केंद्र सरकार का विभाग है जो प्रशासन के नियम तैयार करता है।
गौरतलब है कि पार्लियामेंट्री पैनल ने रक्षा मंत्रालय को भी ये सिफारिश भेजी है। इन सिफारिशों का वक्त अहम है। दरअसल, भारतीय सेना में ही अकेले इस वक्त करीब 7 हजार अफसरों और 20 हजारों सैनिकों की कमी है।इसके अलावा वायु सेना में 150 अफसरों और 15 हजार सैनिकों की कमी है। वहीं, भारतीय नौ सेना यानी नेवी में भी 150 अफसरों और 15 हजार जवानों की कमी है।
ज्ञात हो कि सेंट्रल गवर्नमेंट में करीब 30 लाख कर्मचारी हैं। इसके अलावा राज्यों के करीब 2 करोड़ कर्मचारी हैं। समिति के मुताबिक-अगर उसकी सिफारिशें मानी जाती हैं तो सेनाओं में अफसरों और सैनिकों की कमी को पूरा किया जा सकेगा। समिति के मुताबिक-इससे सेवाओं में अनुशासन भी बढ़ाया जा सकेगा। सिफारिशों के बारे में रक्षा मंत्रालय से सुझाव भी मांगे गए हैं।
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