मुंबई। भाजपा के चाणक्य और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की तमाम कवायदें फिलहाल काम न आ सकीं और आखिरकार उनको मजबूरन ये तय करना पड़ा कि महाराष्ट्र में भाजपा को अकेले ही लड़ना होगा। ऐसा उन्होंने महाराष्ट्र में आज की गई बैठक के बाद तय किया है।
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आगामी लोकसभा के चुनाव में महाराष्ट्र में अकेले चुनाव लडऩे की तैयारी करने का आह्वान किया है। शाह ने रविवार को मुंबई में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की और वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा के चुनाव के संबंध में चर्चा की और कार्यकर्ताओं को तैयार रहने की सलाह दी।
इतना ही नही इसके साथ ही शाह ने सलाह दी है कि स्थानीय कार्यकर्ता नए मतदाताओं से मिलें। उन्होंने कहा कि पिछले लोकसभा के चुनाव में महाराष्ट्र में भाजपा और शिव सेना ने मिल कर चुनाव लड़ा था लेकिन कुछ माह बाद विधानसभा का चुनाव हुआ था जिसमें दोनों ही पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था और भाजपा पहली बार महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। वर्ष 2014 के लोकसभा के चुनाव में महाराष्ट्र के 48 सीट में से भाजपा को 23 और शिव सेना को 18 सीटें मिली थी, कांग्रेस को दो और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को चार सीट मिली थीं।
ज्ञात हो कि तमाम मान मनुहार के बावजूद भी हाल ही में लोकसभा में भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के समय शिव सेना के सांसद सदन से बाहर चले गए थे जिससे भाजपा आहत हुई है।
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