लखनऊ। अभी मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में एक एएसआई को दबिश के दौरान भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मारे जाने की घटना को 24 घण्टे भी नही हो सके थे कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी में भी ठीक ऐसी ही घटना हो गई हालांकि भीड़ ने दरोगा और एक पुलिसकर्मी को जमकर पीटा लेकिन किसी तरह दोनों को बचा लिया गया। वहीं पुलिस ने इस मामले में 27 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है।
गौरतलब है कि धर्म की नगरी काशी में अपहरण एवं रेप के एक आरोपी को सादे पोशाक में पकड़ने गए दारोगा एवं सिपाही को लोगों ने बदमाश समझकर खंभे में बांधकर पिटाई की। इस मामले में पुलिस ने गुरुवार को 27 लोगों को गिरफ्तार किया है। हरपालपुर गांव में हुई इस घटना की गंभीरता को देखते पुलिस ने यह कार्रवाई की। घटना की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात कर दिया गया था।
हालांकि प्रशिक्षु दारोगा भूपेंद्र सिंह और सिपाही पवन यादव के साथ मारपीट की घटना के बाद पुलिस ने सख्त रवैया अपनाते हुए बुधवार देर रात तक कार्रवाई की। पुलिस ने आरोपियों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी 40 से अधिक लोगों को हिरासत लिया था।
वहीं इस बाबत सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने लोहता थाने के प्रभारी राम कुमार सिंह को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है। पुलिस दल में शामिल अन्य पुलिस कर्मियों की भूमिका की जांच की जा रही है, जो भीड़ के हमले के समय अपने साथियों एवं अधिकारी का साथ छोड़कर मौके से भाग खड़े हुए थे।
पुलिस दल प्रशिक्षु दारोगा भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस का एक दल एक नाबालिग छात्रा के अपहरण एवं उसके साथ बलात्कार के आरोपी शाहिद अंसारी को गिरफ्तार करने के लिए हरपालपुर गांव गया था।
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