नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली और फिर उसके बाद उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर कुछ अराजक कांवड़ियों द्वारा उपद्रव कर अराजकता फैलाये जाने पर देश की सर्वोच्च अदालत ने सख्त टिप्पणी की है। इसके साथ ही पुलिस को भी आदेशित किया है कि इस प्रकार के कांवड़ियों से सख्ती से निपटा जाये।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को निर्देश देते हुए कहा कि वे कांवड़िए जो बर्बरता में शामिल हैं और कानून हाथ में लेते हैं, उनके खिलाफ पुलिस सख्ती से एक्शन ले। दरअसल दिल्ली व यूपी के कई शहरों में में कुछ कांवडि़यों के द्वारा कोहराम मचाने की खबरें आई थीं। मुजफ्फरनगर में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में कहासुनी के बाद आपा खो बैठे कांवड़ियों ने कार में तोड़फोड़ की थी। इसमें कार सवार एक युवक और दो बच्चे घायल हो गए थे।
इसके साथ ही बुलंदशहर में एक छोटी सी बात को लेकर पुलिस की जीप पर हमला कर किया था। इसके बाद पुलिस वालों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। हालात ऐसे बन गए कि जान बचाने के लिए पुलिस वालों को मौके से भागना पड़ा। बताया जा रहा है कि पुलिस एक शख्स को पकड़ने गई थी, लेकिन कांवड़ियों ने वहां बवाल खड़ा कर दिया।
ज्ञात हो कि इन सबसे पहले पश्चिमी दिल्ली के मोती नगर में गुरुवार की शाम कांवड़ियों द्वारा 10 गाड़ी पर हमला कर उसमें तोड़फोड़ की गई थी। इसके बाद पुलिस ने 26 वर्षीय एक कांवड़िये को गिरफ्तार किया है। एक तरह से इन उपद्रवी अराजक कथित कांवड़ियों के चलते इस पावन परम्परा का अपमान हो रहा है। क्योंकि इस प्रकार के पावन कार्यों में ऐसी घटनायें किसी भी प्रकार से न तो उचित हैं और न ही इन घटनाओं को अंजाम देने वाले लोग कतई इसका हिस्सा नही होने चाहिए।
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