नई दिल्ली. लाभ के पद मामले में दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों की सदस्यता समाप्त करने की निर्वाचन आयोग की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी मुहर लगा दी है. विधि एवं न्याय मंत्रालय की आज जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने इन विधायकों को अयोग्य घोषित करने संबंधी निर्वाचन आयोग की सिफारिश को स्वीकार करते हुए इनकी सदस्यता समाप्त कर दी है.
आयोग ने दो साल से ज्यादा समय से चल रहे इस मामले में इन विधायकों को लाभ के पद पर नियुक्त किए जाने की शिकायत सही पाई थी और गत 19 जनवरी को इनकी सदस्यता समाप्त करने की अपनी सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी थी. आयोग के फैसले पर आप ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यकित की थी और मुख्य चुनाव आयुक्त ए.के. ज्योति पर आरोप लगाया था कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कर्ज अदा करना चाहते हैं इसलिए यह फैसला सुनाया
ये है मामला
आम आदमी पार्टी ने मार्च 2015 में 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया था. प्रशांत पटेल नाम के वकील ने इसे लाभ का पद बताते हुए राष्ट्रपति के पास शिकायत की थी.
प्रशांत पटेल आप के इन विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी. आम आदमी पार्टी से विधायक जनरैल सिंह के बीते वर्ष विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. विधायक जनरैल सिंह के इस्तीफा देने के बाद इस मामले में फंसे विधायकों की संख्या 20 हो गई थी.
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