नई दिल्लीः 2014 में आम चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2015 में बिहार सीएम नीतीश कुमार के लिए कैंपेन चलाने वाले रणनीतिकार प्रशांत किशोर लोकसभा चुनाव 2019 पर बड़ा बयान दिया है। पीके ने कहा कि वह 2019 के लिए किसी के लिए भी कैंपेन नहीं करेंगे यानि कि किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए चुनावी रणनीतिकार का काम नहीं करेंगे। हैदराबाद में इंडियन स्कूल ऑफ बिज़नेस के कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे किशोर ने कहा कि उन्होंने बहुत से राजनेताओं के साथ काम किया है लेकिन अब वह जमीनी स्तर पर लोगों के साथ जुड़ना चाहते हैं और उनके लिए कुछ करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत वह शायद बिहार या गुजरात से कर सकते हैं। इस दौरान पीके ने नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार और कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ अपने काम के अनुभवों को भी सांझा किया।
उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपना ही एक प्लेटफॉर्म खोलूंगा लेकिन इसे काफी अच्छा रिस्पांस मिला। रणनीतिकार प्रशांत ने कहा कि अब वह बातौर कैंपेनर थोड़ी के लिए आराम चाहते हैं। पीके ने उन अटकलों पर भी विराम लगाया जिसमें कहा जा रहा था कि 2014 में उनके और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बीच कुछ मतभेद हो गए थे। किशोर ने कहा कि हमने पूरी मेहनत के साथ मोदी जी के लिए काम किया। हम पीएमओ में भी काम करना चाहते थे लेकिन तब मोदी भी नए थे और हम भी इसलिए यह प्लान आगे नहीं बढ़ पाया बाकि खबरें निराधार हैं।
वहीं नीतीश के साथ अपने अनुभव पर किशोर ने कहा कि उनके साथ मैंने पहले भी काम किया है। नीतीश कुमार ने उनको अपना सलाहकार बनाते हुए कैबिनेट रैंक का दर्जा भी दिया था। 2017 में जब नीतीश लालू से अलग हुए तब भी मैं उनके साथ जुड़ा रहा। मुख्यमंत्री कैप्टन के साथ काम करने के अनुभव पर प्रशांत ने कहा कि उनकी पंजाब में काफी पकड़ मजबूत थी। कैप्टन ने भी पीके के काम की सराहना की थी। उल्लेखनीय है कि माना जा रहा था कि 2019 में पीके एक बार फिर से भाजपा से जुड़ सकते हैं लेकिन उनके बयान के बाद राजनीतिक अफवाहों पर विराम लग गया है।
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