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बीएचयू में हुआ जमकर बवाल फिर हड़ताल, इलाज को आए मरीज हुए बेहाल

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लखनऊ। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र और प्रदेश के जनपद वाराणसी में बीएचयू में डाक्टरों और तीमारदारों के बीच हुए विवाद में अचानक वहां के छात्रों के कूद जाने से हालात और भी बेकाबू हो गए। बीती रात जहां गुस्साए रेजिडेंट डॉक्टरों ने मरीज के परिजन को पीटा तो बीएचयू के छात्रों ने देर रात डॉक्टरों की पिटाई कर दी। एलडी गेस्ट हाउस के सामने एसबीआई का एटीएम तोड़ दिया और आगजनी भी की। पेट्रोल बम भी फेंके गए।

वहीं इस सब बवाल के बीच पुलिस को मजबूरन मुकदर्शक बन ये सब देखना पड़ा क्योंकि पुलिस देर रात तक परिसर में घुस नहीं सकी। दोनों पक्षों के बीच चार बार मारपीट हुई। क्षुब्ध डॉक्टरों ने देर रात हड़ताल पर जाने का ऐलान कर बीएचयू अस्पताल की ओर आने वाले सभी गेटों पर ताले जड़ दिये। देर रात बिड़ला और डॉक्टर्स हास्टल के बीच हुए पथराव में 12 छात्र घायल हुए। वीसी आवास पर भी पथराव हुआ।

मिली जानकारी के मुताबिक मामले की शुरुआत एक मरीज को दिखाने को लेकर हुई। आरोप है कि मरीज को शाम तक इलाज के नाम पर बिठाए रखा। बाद में इंकार कर दिया। विरोध पर डॉक्टरों ने मारपीट की। परिजनों की सूचना पर भगवानदास हॉस्टल के दर्जनों छात्रों ने धनवंतरि छात्रावास में घुसकर डॉक्टरों को पीट दिया। छात्रों ने देर रात लंका थाने के समीप एक रेस्टोरेंट में खाना खा रहे डॉक्टरों को खींचकर पीटा। इसके बाद डॉक्टर धरने पर बैठ गए।

हालांकि बवाल की सूचना पर एमएस प्रो. विजय नाथ मिश्र, चीफ प्राक्टर प्रो. रोयाना सिंह, एडीएम सिटी विनय कुमार सिंह समेत आला अधिकारी पहुंचे और डॉक्टरों को मनाने की कोशिश की। पुलिस ने डॉक्टरों की तहरीर पर शिवजी सिंह नामक युवक को गिरफ्तार कर लिया।

वहीं बीएचयू में पिटाई से क्षुग्ध रेजिडेंट डॉक्टर आज मंगलवार को हड़ताल पर चले गए। डॉक्टरों की इस हड़ताल के कारण हजारों मरीज और उनके तीमारदारों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सर सुंदरलाल चिकित्सालय से लेकर ट्रामा सेंटर तक रेजिडेंट डाक्टरों के हड़ताल पर जाने से भर्ती कई मरीजों की हालत बिगड़ गई है।

जबकि हड़ताली डॉक्टर आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं। इस बीच मंगलवार को बीएचयू के एलडी गेस्ट हाउस में जिला प्रशासन व बीएचयू के अधिकारियों के बीच बैठक हुई। इस बैठक में में तय हुआ कि कला संकाय व डॉक्टरों के हॉस्टल को खाली कराने के लिए 24 घंटे की मोहलत दी जाएगी। बताया जाता है कि हालांकि जूनियर डॉक्टरों ने लिखित रूप से हड़ताल की घोषणा नहीं की है, लेकिन वह टोली बनाकर ओपीडी में घूमकर जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों को ओपीडी से बाहर कर रहे हैं, जिसके चलते ओपीडी पूरी तरह प्रभावित हुई है।

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