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अब आप मैकदे तक भी न जाऐ और घर बैठे पीने-पिलाने का लुत्फ उठाऐं

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नई दिल्ली। आज के दौर में जब हर चीज की होम डिलीवरी होने लगी हो तो ऐसे में फिर पीने वालों को मैकदे तक जाने की तकलीफ उठानी पड़े तो ये बात अच्छी नही है। आखिर इन पीने वालों की बदौलत सरकार को अच्छी खासी आमदनी भी होती है। खैर अब इन पीने वालों की इस दिक्कत पर बखूबी गौर किया जाने लगा है जिसके तहत फिलहाल महाराष्ट्र सरकार ने पीने वालों की दिक्कत को समझते हुए उनकी भावनाओं की कद्र कर अब शराब की भी होम डिलीवरी की व्यवस्था करने का मन बना लिया है।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार की नई योजना उन लोगों के लिए खुशखबरी है जिन्हें शराब की दुकान पर लाइन में लगकर शराब खरीदनी पड़ती है। सरकार एक नई योजना बना रही है जिसके अंतर्गत अब शराब की होम डिलीवरी की जाएगी। यानी कुल मिलाकर अब आपको घर बैठे ही अपनी मनपसंद शराब मिल जाएगी। राजस्व राज्यमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार को इस योजना के बारे में कहा कि यह शराब उद्योग में बदलाव लाएगा। इस तरह की नीति लाने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है।

वहीं इस बाबत बावनकुले ने कहा, ‘इसका मुख्य लक्ष्य शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले मामलों में कमी लाना है। जिसकी वजह से सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और बहुत से लोगों की जान चली जाती है।’ मंत्री ने कहा कि शराब की होम डिलीवरी देसी और विदेशी ई-कॉमर्स वेबसाइट की तरह के प्लेटफॉर्म से की जाएगी। उन्होंने कहा, जैसे नागरिक सब्जियां और फलों की घर में डिलीवरी करवाते हैं उसी तरह से इसकी व्यवस्था की जाएगी।

अगर गौर से देखें तो राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2015 में बताया था कि 4.64 लाख सड़क दुर्घटनाओं में से 1.5 प्रतिशत शराब पीकर या ड्रग लेकर गाड़ी चलाने की वजह से हुए थे। जिसकी वजह से 6,295 लोग घायल हुए थे। इसके कारण 2,988 लोगों की यानी रोजाना 8 से ज्यादा मौत हुई थी। इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कि ऑनलाइन शराब मंगाने वाला शख्स आवश्यक आयु सीमा को पूरा करता है, इसके लिए विक्रेता से अपने ग्राहक की पूरी जानकारी लेने के लिए कहा जाएगा। जिसमें उसका आधार नंबर भी होगा। इसके जरिए उसकी पहचान की जाएगी।

इतना ही नही बल्कि मंत्री ने कहा कि शराब की बोतलों पर जियो-टैग लगाया जाएगा जिससे कि उनके विक्रेता और उसकी बिक्री को ट्रैक किया जा सके। यह टैगिंग बोतलों के ढक्कन पर की जाएगी। जिसके जरिए विक्रेता से ग्राहक तक जाने की प्रक्रिया को ट्रैक किया जाएगा। सरकार के इस फैसले पर हाईकोर्ट के एक नामी वकील श्रीरंग भंडारकर ने कहा कि इससे लोगों का काफी समय बचेगा और व्यस्त लोगों को राहत मिलेगी। शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की संख्या घटाने के साथ ही इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा जो शराब की डिलीवरी करेंगे।

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