नई दिल्ली। सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के लिए समय का निर्धारण कर लिया है। जिसके तहत सरकार ने संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से 8 जनवरी तक बुलाने का निर्णय लिया है। इस बाबत जानकारी देते हुए संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने बताया कि संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से 8 जनवरी तक बुलाने और इस संबंध में राष्ट्रपति को सिफारिश भेजने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि आम तौर पर शीतकालीन सत्र नवंबर के चौथे सप्ताह से शुरू हो जाता है जानकारों के अनुसार सरकार ने पांच राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनावों को देखते हुए सत्र बाद में बुलाने का फैसला किया है क्योंकि अधिकतर सांसद इन राज्यों में चुनाव प्रचार में व्यस्त रहेंगे।
ज्ञात हो कि विधानसभा चुनाव 12 नवंबर से 7 दिसंबर तक होने हैं और सभी राज्यों में मतगणना 11 दिसंबर को होनी है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म होते ही शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। विपक्ष राफेल सौदा, सीबीआई बनाम सीबीआई, आरबीआई और सरकार में टकराव, किसान और महंगाई जैसे मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरना चाहता है।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मानसून सत्र से पहले सभी सांसदों को पत्र लिखकर संसद चलाने में सहयोग मांगा था।वहीं, मोदी सरकार के लिए शीतकालीन सत्र का शांतिपूर्ण ढंग से चलना बहुत जरूरी है, क्योंकि उसके बाद यह सरकार सिर्फ संक्षिप्त बजट सत्र ही बुला पाएगी, जिसमें मई 2019 तक का बजट पारित करना होगा।
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