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संजय राउत ने किया बाबरी ध्वंस का जिक्र, कहा- सरकार अध्यादेश लाये न करे कोई फिक्र

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नई दिल्ली। राम मंदिर को लेकर जहां सियासत जोर पकड़ती जा रही है वहीं मोदी सरकार के लिए मुश्किलें भी बढ़ती जा रही है। क्योंकि अब तो मंदिर मुद्दे पर अध्यादेश लाने की मांग पुरजोर तरीके से उठने लगी है। इसी सिलसिले में आज शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बेहद ही भड़काऊ और बड़ा बयान दे डाला। दरअसल उन्होंने कहा है कि जब हमने महज 17 मिनट में ही बाबरी तोड़ दी तो फिर कानून बनाने में भला कितनी देर लगेगी।

इतना ही नही बल्कि उन्होंने यह तक कह दिया कि राष्ट्रपति भवन से लेकर उत्तर प्रदेश तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। राज्यसभा में बहुत सांसद हैं जो राम मंदिर के साथ खड़े रहेंगे। साथ ही कहा कि जो भी विरोध करेगा उसका देश में घूमना मुश्किल होगा। फिर इस सबके बावजूद भी मंदिर मामले में देरी होना समझ में नही आता है। ज्ञात हो कि शिवसेना ने शुक्रवार को भाजपा से अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर अध्यादेश लाने और तारीख की घोषणा करने के लिए कहा है।

वहीं भाजपा पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के एक संपादकीय में लिखा, “सत्ता में बैठे लोगों को शिवसैनिकों पर गर्व होना चाहिए जिन्होंने राम जन्मभूमि में बाबर राज को खत्म कर दिया। शिवसेना ने कहा कि वह चुनाव के दौरान न तो भगवान राम के नाम पर वोटों की भीख मांगती है और न ही जुमलेबाजी करती है।

इसके साथ ही शिवसेना प्रमुख उद्धव राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर 25 नवंबर को अयोध्या का दौरा करेंगे। संपादकीय में लिखा है, “हमारे अयोध्या दौरे को लेकर खुद को हिंदुत्व समर्थक कहने वालों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है? हम राजनीतिक मकसद से वहां नहीं जा रहे हैं।” शिवसेना ने दावा किया कि उसने “चलो अयोध्या” का नारा नहीं दिया है। उसने कहा, “अयोध्या किसी की निजी जगह नहीं है। शिवसैनिक वहां भगवान राम के दर्शन करने जा रहे हैं।”

इतना ही नही संपादकीय में ये भी कहा गया है, “अयोध्या में अब रामराज नहीं सुप्रीम कोर्ट का राज है। 1992 में बालासाहेब के शिवसैनिकों ने राम जन्मभूमि में बाबर राज को तबाह कर दिया था। फिर भी सत्ता में बैठे लोग उन शिवसैनिकों पर गर्व करने के बजाय उनसे डर और जलन महसूस कर रहे हैं। अयोध्या जा रहे शिवसैनिकों पर तोहमत लगाने की जगह सरकार को मंदिर निर्माण के लिए तारीख बताकर संदेह खत्म करना चाहिए।

इसके अलावा संपादकीय में बेहद अहम और बड़ी बात ये कही गई कि “आप राम मंदिर के निर्माण की तारीख क्यों तय नहीं कर रहे हैं? अगर मंदिर निर्माण का मु्द्दा आपके हाथ से निकल गया तो 2019 में आपकी रोजी-रोटी के अलावा कई लोगों की जुबान बंद हो जाएगी।”

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