हैदराबाद! तीन सरकारी बैंकों बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के विलय के सरकार के मंजूरी के विरोध में 26 दिसंबर को करीब 10 लाख बैंककर्मी हड़ताल पर रहेंगे. नौ प्रमुख बैंक संघों के यूनाटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स ने हड़ताल का आह्वान किया है. एआईबीईए के महासचिव सी वेंकटचलम ने शनिवार को यहां जारी बयान में यह जानकारी देते हुये कहा कि तीनों बैंक के विलय अवांछित है क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था और आम लोगों को कोई लाभ नहीं होने वाला है बल्कि इससे कर्मचारियों के हित प्रभावित होंगे. कर्मचारियों की नौकरी खतरे में होगी और उनके रोजगार की सुरक्षा नहीं होगी. इससे बैंकों में रोजगार के अवसर भी कम होंगे.
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर के बैंक बनाने के लिए विलय का विचार सही नहीं है क्योंकि देश की सभी 21 सरकारी बैंकों का विलय कर दिये जाने के बाद भी उनकी पूंजी करीब तीन अरब डॉलर होगी जबकि वैश्विक स्तर के बैंकों के पास 70 अरब डॉलर तक की पूंजी है. ऐसी स्थिति में विलय करने से सिर्फ बैंकिंग गितिविधियों के प्रसार में ही कमी नहीं आयेगी बल्कि रोजगार के अवसर भी कम हो जायेंगे.
उन्होंने कहा कि देश में हजारों ऐसे गांव है जहां बैंकिंग सेवा अभी तक पहुंची नहीं है. ऐसी स्थिति में बैंकों के विलय से उनकी शाखायें कम होगी जिसके कारण रोजगार के अवसर भी सृजित नहीं होंगे ब्लकि नौकरी कर रहे लोगों के रोजगार की सुरक्षा की खतरे में पड़ जायेगी.
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