नई दिल्ली। चारा घोटाले में एक बार फिर लालू यादव बेचारा ही बन कर रह गए जब देवघर-दुमका चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में राजद सुप्रीमो लालू यादव को बड़ा झटका देते हुए झारखंड उच्च न्यायालय से सभी तीनों मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी ।
गौरतलब है कि इससे पहले 4 जनवरी को रांची हाईकोर्ट ने लालू की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट में लालू की तरफ से बढ़ती उम्र और सेहत को वजह बताते जमानत देने की बात कही गई। कोर्ट में लालू की तरफ से कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल पैरवी कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि लालू प्रसाद ने देवघर-दुमका चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी मामले में जमानत की गुहार लगाई थी। पिछले शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। न्यायालय ने गुरुवार दोपहर इस मामले में अपना फैसला सुनाया। तीनों मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी ।
इस फैसले से 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार की तैयारी कर रहे राजद को बड़ा झटका लगने की आशंका है क्योंकि पार्टी के स्टार प्रचारक लालू प्रसाद के अब बिरसा मुंडा जेल में रहने की संभावना बढ़ गयी है। मामले में अब उच्चतम न्यायालय से कोई राहत मिलने पर ही वह जेल से बाहर आ सकेंगे।
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