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बजट को सत्ता पक्ष ने सराहनीय बताया, विपक्ष ने चुनावी घोषणा पत्र बताया

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नई दिल्ली। आज मोदी सरकार का छठा एवं आखिरी अंतरिम बजट अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा पेश किया गया। इस बजट से किसानों-मजदूरों सहित मध्यमवर्ग को को सरकार से काफी उम्मीदें थीं। जिसका सरकार ने भी पूरा ख्याल रखा है। जिसको जहां सत्ता पक्ष द्वारा बेहद सराहनीय बताया गया वहीं विपक्ष ने इसको लेकर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा का चुनावी घोषणापत्र बताया है।

इस बजट पर अमित शाह ने कहा, यह नये भारत के निर्माण को समर्पित मोदी सरकार के संकल्प एवं प्रतिबद्धता का प्रतीक है। ‘आज के बजट ने यह पुनः प्रमाणित किया है कि मोदी सरकार देश के गरीब, किसान और युवाओं के सपने एवं आकांक्षाओं को समर्पित सरकार है।

साथ ही शाह ने कहा कि इस सर्वग्राही बजट के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनकी पूरी सरकार को बधाई देता हूं।’ उन्होंने कहा कि यह फैसला किसान कि आय दो गुना करने के प्रयास में मील का पत्थर साबित होगी। उमा भारती और रामविलास पासवान ने बजट को सरकार की विपक्ष पर सर्जिकल स्ट्राइक बताया है।

जबकि विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में पेश बजट भाजपा का चुनावी घोषणापत्र है। वहीं पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बजट को लेकर कहा, ‘यह लेखानुदान नहीं, बल्कि वोट का हिसाब-किताब है।’  कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, ‘यह पूरी कवायद ठंडी रही। हालांकि हमें एक अच्छी चीज दिखाई दी वह है मध्यम वर्ग को मिलने वाली आयकर सीमा में छूट।

इस बजट पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘समाज के सभी वर्ग जिसमें किसान, मध्यम वर्ग, गरीब और महिलाएं शामिल हैं उन्हें इस बजट में उल्लेखित किया गया है। यह बजट न्यू इंडिया के सपने को हासिल करने में मदद करेगा।’

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार के बजट को दिखावटी व झूठा करार दिया है। अखिलेश ने ट्वीट किया कि एक साल के बजट में 10 साल आगे की बात करना झूठी है। इस बजट में बहुसंख्यक भूमिहीन किसानों व श्रमिकों के लिए इसमें कुछ भी राहत नहीं है।

बसपा अध्यक्ष मायावती ने मोदी सरकार के अंतिम बजट को जुमलों से भरा करार देते हुये इसे जमीनी हकीकत से दूर बताया है। भाजपा के बड़े वादों और दावों की जुमलेबाजी से देश में लम्बे समय से जारी जर्बदस्त मंहगाई, गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी की समस्या समाप्त नहीं हो सकती है। अंतरिम बजट देश की जनता को मायूस और बेचैन करने वाला ही है।

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