नई दिल्ली. वॉल स्ट्रीट ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैश (Goldman Sachs ) ने 2019-20 में जीडीपी 5.3% रहने का अनुमान जताया है वहीं कहा है कि अब सुधार की उम्मीद बढ़ गई है. क्रिसिल के बाद अब Goldman Sachs ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट का अनुमान घटा दिया है. गोल्डमैन की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 5.3 फीसद रह सकती है. ब्रोकरेज ने इससे पहले 6 फीसद की ग्रोथ रेट रहने का अनुमान जताया था, जिसे अब कम कर दिया गया है.
गोल्डमैन ने पिछले हफ्ते दूसरी तिमाही की जीडीपी ग्रोथ रेट का डेटा आने के बाद अपने अनुमान में यह कमी की है. सरकार द्वारा हाल ही में जारी हुए चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के आंकड़ों के अनुसार, जीडीपी ग्रोथ रेट इस तिमाही में 4.5 फीसद रही है. यह 26 महीने का न्यूनतम स्तर है. हालांकि, ब्रोकरेज कंपनी गोल्डमैन सैश ने अगले साल इक्विटी सूचकांक में 8.5 फीसद की ग्रोथ की उम्मीद जतायी है. गोल्डमैन सैश की चीफ इकोनॉमिस्ट प्राची मिश्रा ने कहा है कि जीडीपी ग्रोथ रेट काफी नीचे आ गई है और अब सुधार की उम्मीदें हैं.
मिश्रा ने कहा कि अब अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार की संभावना है. मिश्रा ने बताया कि अपेक्षाकृत बेहतर इंटरनेशनल इकोनॉमी कंडीशंस, एनबीएफसी समस्या से जुड़े घरेलू वित्तीय संकट के कमजोर पड़ने और सकारात्मक राजकोषीय उपायों से ग्रोथ में तेजी आने की संभावना है. मिश्रा ने उम्मीद जताई कि भारतीय रिज़र्व बैंक अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए रेपो रेट में 0.25 फीसद की कमी कर सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि इसके बाद रेपो रेट में कटौती पर विराम लग सकता है. गोल्डमैन ने राजकोषीय घाटे पर भी अपनी टिप्पणी दी है. कंपनी ने कहा कि यह राजकोषीय जवाबदेही और बजट प्रबंधन कानून के लक्ष्य से ऊपर जा सकता है. कंपनी के अनुमान है कि घाटा चालू वित्त वर्ष में 3.6 फीसद रह सकता है.
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