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गौरवशाली परम्पराओं का करें अनुसरण ताकि बन सकें औरों के लिए उदाहरण: दीक्षित

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधान सभा के अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित ने आज सर्वदलीय बैठक् में बृहस्पतिवार से प्रारम्भ हो रहे 17वीं विधान सभा के वर्ष 2018 के प्रथम सत्र को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु सभी दलों के दलीय नेताओं से सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया। श्री दीक्षित ने सभी दलों के दलीय नेताओं से आग्रह एवं अनुरोध किया कि वे अपना-अपना पक्ष सदन में शालीनता, सौम्यता और संसदीय मर्यादा के साथ रखें। उन्होंने कहा दुनिया के लोकतांत्रिक देशों में पक्ष होता है, विपक्ष होता है, सहमतियां होती है, असहमतियां होती हैं, तर्क होता है, प्रतितर्क होता है। वाद-विवाद होते हैं। सहमति और असहमति जिस बिन्दु पर मिलते हैं, वहीं जनतंत्र मजबूत होता है।

उन्होंने कहा कि सदन में कभी-कभी तात्कालिक प्रसंगों को लेकर सदन में व्यवधान आता है। वाद-विवाद होता है। समाधान होता है। तात्कालिक क्रिया-प्रतिक्रिया स्वाभाविक होता है लेकिन कभी-कभी सुनियोजित ढ़ंग से बैनर व पोस्टर लहराकर सदन में व्यवधान किया जाता है। यह उचित नहीं है। इससे जनतंत्र कमजोर होता है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में यदि कोई गलत आचरण सदन में हुआ है, तो उसी का उद्धरण देकर वर्तमान में भी उसी प्रकार का आचरण किया जाना संसदीय परम्परा के विपरीत है। सदस्यों को अच्छी एवं गौरवशाली परम्पराओं का सूत्रपात करना चाहिए, जिससे यह दूसरे सदनों के लिए भी उदाहरण बन सके। दलीय सदस्यों ने सदन के प्रसारण की अवधि बढ़ाए जाने का अनुरोध किया। जिस पर श्री दीक्षित ने कहा कि सदन की प्रसारण अवधि को 02:00 बजे से बढ़ाकर 03:00 बजे तक कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त भी किसी विशिष्ट अवसर पर होने वाली चर्चा का भी दूरदर्शन द्वारा सजीव प्रसारण किया जायेगा।

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सर्वदलीय बैठक में सदन के नेता योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम रचनात्मक बहस, विचार-विमर्श को बढ़ावा देने के साथ अधिकतम चर्चा एवं अधिक समय तक सदन की कार्यवाही चलाने के लिए कटिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि हम सकारात्मक चर्चा के साथ-साथ जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए सदैव तत्पर हैं। उन्होंने दलीय नेताओं की बैठक में अपनी बात रखते हुए कहा कि सदन में स्वस्थ बहस हो। सदस्यगण अपनी बात शालीनतापूर्वक एवं सौम्य ढंग से रखे। हम चर्चा को तैयार है। उन्होंने व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप से बचने की अपील की। उन्होंने कहा कि सदन का यह मंच प्रदेश की 22 करोड़ जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए है। यहाँ पर हमें अपनी बातें नियमों और मर्यादा के अंतर्गत रखनी चाहिए। लोकतंत्र में विपक्ष की भी बहुत बड़ी सकारात्मक भूमिका होती है। उसका हम सदैव आदर करते हैं।

उन्होंने भरोसा दिलाया कि विपक्ष की कही गयी सही बातों को संज्ञान में लेते हुए सरकार उसमें प्रतिपल ठोस कार्यवाही करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सदन में रचनात्मक एवं सकारात्मक बहस के लिए नयी परम्परायें बनानी चाहिए। प्रदेश की 22 करोड़ जनता सजीव प्रसारण के समय हमारे आचरण एवं व्यवहार को देखती है। उनके मन में आदर एवं सम्मान का भाव जगाना चाहिए।

बैठक में नेता विराध् दल राम गोविन्द चैधरी, बहुजन समाज पार्टी के नेता लालजी वर्मा, कांग्रेस दल के नेता अजय कुमार उर्फ लल्लू ने भी अपना विचार प्रकट करते हुए सदन की कार्यवाही को व्यवस्थित चलाने में अपना प्रत्येक प्रकार से सहयोग देने की बात कही। नेता विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक में बोलते हुए कहा कि सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंक-झोंक व बहसें होती हैं किन्तु हमें मैत्री भाव नहीं खोना चाहिए। अपनी बातें हास्य-परिहास में व्यक्त करनी चाहिए। संसदीय कार्यमंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि उ0प्र0 दुनिया के पांचवें देश के बराबर है, चर्चा का स्तर बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने सभी दलीय नेताओं को विधान सभा की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाये जाने की अपील की।

इसके पूर्व कार्य-मंत्रणा की हुई बैठक में अध्यक्ष विधान सभा, श्री दीक्षित ने बताया कि दिनांक 09.02.2018 से 16.03.2018 तक का घोषित कार्यक्रम स्वीकार किया गया। राज्यपाल अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नियम 56 एवं अन्य नियमों के अन्तर्गत सूचनायें ली जायेंगी किन्तु बजट प्रस्तुत किए जाने के दिन कोई भी सूचनायें नहीं ली जायेंगी। दिनांक 16.02.18 को 12ः20 बजे वित्तीय वर्ष 2018-19 के आय-व्ययक का प्रस्तुतीकरण किया जायेगा। इस अवसर पर प्रमुख सचिव, विधान सभा श्री प्रदीप कुमार दूबे व अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

 

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