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वो मानसिक रूप से बीमार होके भी है इतनी समझदार, अब क्या कहें उनको जो पत्थर रहे हैं मार

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लखनऊ। देश से लेकर तमाम प्रदेशों में जहां एक तरफ कुछ ऐसे लोग भी हैं जो दिमाग से ठीक होते हुये भी ऐसे कामों को अंजाम दे रहे हैं जिसे देख उन्हे पागलों से भी बद्तर कहा जाना ही ठीक होगा। ऐसा हम ऐसे ही नही कहने को मजबूर हैं बल्कि एक वाकिया है जिसे देख उन सभी लोगों को पागलों से भी बद्तर कहना ही लाजमी है। क्योंकि दरअसल प्रदेश के जनपद गोरखपुर में गत गुरूवार को एक अस्पताल में एक मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया और जब लोग उसके बच्चे को छूने की कोशिश करने लगे तो उसने जो बात कही उसने उन सभी को न सिर्फ चौंका  दिया बल्कि काफी कुछ सोचने को मजबूर कर दिया।

गौरतलब है कि भले ही ईश्वर ने उक्त इस महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं दी, लेकिन उसको तक इतनी समझ जरूर दी कि कोई बच्चे छुएगा तो कोरोना हो सकता है।  बृहस्पतिवार की देर रात एक मानसिक रूप से बीमार महिला ने रुस्तमपुर के दुर्गा चौक के पास बच्चे को जन्म दिया तो आसपास के लोगों ने जिम्मेदारी निभाते हुए उसे महिला अस्पताल पहुंचा दिया। वहां पहुंचने पर शुक्रवार की सुबह स्वास्थ्यकर्मियों ने देखा कि वह बच्चे को बोतल से पानी पिला और बिस्कुट खिला रही थी। इस पर कर्मियों ने नवजात को उससे अलग करने की कोशिश की तो वह बोली, मत छुओ बेटे को कोरोना हो जाएगा। यह सुनकर सभी हैरत में रह गए। 

हतप्रभ स्वास्थ्यकर्मी सोचने लगे काश, यह बात सबके समझ में आ जाती। वे समझ नहीं पा रहे थे कि यह कोरोना के खौफ का असर है या फिर मां की ममता। इसके बाद हेल्प डेस्क मैनेजर अमर नाथ जायसवाल ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी। अमरनाथ ने बताया कि महिला बच्चे को छूने तक नहीं दे रही थी। इसकी वजह से बच्चे को खतरा ज्यादा था। बताया कि पूरे वार्ड में अफरा-तफरी का माहौल हो गया था। वह सिर्फ एक ही रट लगाए हुए थी कि मत छुओ बेटे को, नहीं तो कोरोना हो जाएगा। इस वाकिये को देख इतना तो जरूर समझ में आ गया कि जो भी लोग ऐसे हालातों में भी स्वास्थ्यकर्मियों पर पथराव उनसे मारपीट और क्वारेन्टाइन किये जाने पर निहायत ही गिरी और ओछी हरकते करने पर आमादा हैं वो इंसान नही बल्कि शैतान ज्यादा हैं।

बताया जाता है कि मानसिक रूप से बीमार महिला कमला के नाम से पांच दिन पहले महिला अस्पताल में भर्ती हुई थी। उसका इलाज चल रहा था। अचानक वह वहां से भाग गई। अमरनाथ जायसवाल ने बताया कि महिला का कोई नाम नहीं जानता था और न ही वह अपना नाम बता पा रही थी। इसलिए उसका नाम कमला रखते हुए भर्ती करा दिया गया था। हालांकि महिला के व्यवहार को देखकर वह मानसिक रोगी प्रतीत होती है, मगर वह कहां से आई। उस महिला का पति कौन है ? यह सब अंधेरे में है। कुछ लोगों ने यह अंदेशा भी जताया कि कहीं महिला से किसी ने दुष्कर्म तो नहीं किया, यह बच्चा जिसका नतीजा है ।

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