Friday , May 10 2024
Breaking News

एफडीआई: भारत के नए नियमों से बौखलाया चीन, डबलूटीओ के सिद्धांतों का दिया हवाला

Share this

नई दिल्ली. भारत ने चीन और अन्य पड़ोसी देशों से सीधे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर पाबंदी लगाई है, जिसके बाद चीन बौखला गया है. चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा है कि कुछ खास देशों से प्रत्यक्ष विदेश निवेश के लिए भारत के नए नियम डब्ल्यूटीओ के गैर-भेदभाव वाले सिद्धांत का उल्लंघन करते हैं और मुक्त व्यापार की सामान्य प्रवृत्ति के खिलाफ हैं.

अधिकारी ने कहा कि भारत की अतिरिक्त बाधाओं को लागू करने वाली नई नीति जी-20 समूह में निवेश के लिए एक स्वतंत्र, निष्पक्ष, गैर-भेदभावपूर्ण और पारदर्शी वातावरण के लिए बनी आम सहमति के भी खिलाफ है.

चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने एक बयान में कहा, भारतीय पक्ष द्वारा विशिष्ट देशों से निवेश के लिए लगाई गई अतिरिक्त बाधाएं डब्ल्यूटीओ के गैर-भेदभाव वाले सिद्धांत का उल्लंघन करती हैं और उदारीकरण तथा व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने की सामान्य प्रवृत्ति के खिलाफ हैं.

मालूम हो कि सरकार ने कोविड-19 महामारी के बीच अनुकूल मौका देखते हुए घरेलू कंपनियों के अधिग्रहण की किसी भी कोशिश पर रोक लगाने के लिए भारत के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों से आने वाले विदेशी निवेश के लिये सरकारी मंजूरी को शनिवार 18 अप्रैल को अनिवार्य बना दिया. इस कदम से चीन सहित विभिन्न पड़ोसी देशों से आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में अवरोध खड़ा होगा. भारत के साथ जमीनी सीमाएं साझा करने वाले देशों में चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमार और अफगानिस्तान शामिल हैं.

डीपीआईआईटी ने बताया, भारत के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले देशों के निकाय अब यहां सिर्फ सरकार की मंजूरी के बाद ही निवेश कर सकते हैं. भारत में होने वाले किसी निवेश के लाभार्थी भी यदि इन देशों से होंगे या इन देशों के नागरिक होंगे, तो ऐसे निवेश के लिए भी सरकारी मंजूरी लेने की आवश्यकता होगी. 

सरकार के इस निर्णय से चीन जैसे देशों से आने वाले विदेशी निवेश पर प्रभाव पड़ सकता है. सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर घरेलू कंपनियों को प्रतिकूल परिस्थितियों का फायदा उठाते हुये बेहतर अवसर देखकर खरीदने की कोशिशों को रोकने के लिए यह कदम उठाया है.

Share this
Translate »