जहानाबाद (बिहार). पूरा देश इस समय कोरोना वायरस से जूझ रहा है. इस महामारी के मद्देनजर 24 मार्च के बाद अब 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है जिससे लोगों को खाने-पीने की चीजों को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि लोग पिछले 26 दिनों से अपने घरों में ही कैद हैं. लॉकडाउन के चलते उनका काम भी बंद है. इस स्थिति में खासकर मध्यम वर्ग के लोगों के घर में अब खाने को कुछ नहीं बचा हैं.
सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि लॉकडाउन के समय लोगों को खाने पीने की चीजों को लेकर किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी, लेकिन बिहार के जहानाबाद से भूख से परेशान बच्चों को लेकर एक दर्दनाक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो सरकार के दावों को झूठा साबित कर रही है.
केंद्र-राज्य सरकार से मिल रही है मदद
लॉकडाउन के कारण बिहार में पहले से ही तीन महीने का मुफ्त राशन और खाते में एक-एक हजार रुपए दिया जा रहा है. साथ ही पीएम की ओर से 5-5 किलो अनाज मुफ्त में जन वितरण प्रणाली के जरिए दिया जा रहा है, लेकिन हकीकत इसके उलट है. मुसीबत की घड़ी में बच्चों के घरों में अनाज नहीं होने पर वे मेंढक खाने को मजबूर हैं.
वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि इन सभी बच्चों में एक बच्चे का नाम अभिषेक कुमार है, जो कह रहा है कि देश में लॉकडाउन घोषित होने की वजह से उनके घरों में अनाज खत्म हो गया है. ऐसे में वे क्या करें, उनके घरों में अनाज नहीं होने पर वे आस- पास से पहले मेंढक पकड़ते हैं.
इसके बाद वे उन मेंढकों को पकड़ कर पहले उसकी चमड़ी निकालते हैं. इसके बाद उसे आग में भूनते हैं और भूख मिटाने के लिए उसे खा जाते हैं. बातचीत में बच्चे से स्कूल के बारे में पूछा गया कि क्या वह स्कूल जाता है तो उसने बताया कि स्कूल तो जाते हैं, लेकिन सरकार के लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद हैं. इसलिए स्कूल नहीं जा रहे हैं.
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