नई दिल्ली. डॉक्टरों के साथ होने वाली मार-पीट और हिंसा के खिलाफ केंद्रीय कानून बनाने की मांग को ले कर डॉक्टरों के संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने आगामी गुरुवार 23 अप्रैल को ब्लैक डे मनाने की घोषणा की है. इस दिन देश भर के डॉक्टर काले बिल्ले लगा कर काम करेंगे.
इससे पहले इसने बुधवार 22 अप्रैल को व्हाइट अलर्ट के तहत सफेद कोट पहन कर रात नौ बजे कैंडल मार्च निकालने की घोषणा की है. आइएमए का कहना है कि अगर ब्लैक डे के बाद भी सरकार नहीं जागी तो आगे और कड़े कदम उठाए जाएंगे.
आइएमए के अध्यक्ष डॉ. राजन शर्मा कहते हैं कि सरकार को तुरंत अध्यादेश के माध्यम से डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य कर्मियों और अस्पतालों के खिलाफ होने वाली हिंसा के खिलाफ सख्त कानून बनाना चाहिए. पहले से ही स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ इतनी हिंसा हो रही थी, कोरोना के बाद तो यह और बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि राज्यों में जो इस संबंध में कानून हैं, वे पूरी तरह निष्प्रभावी हैं. इन कानूनों के आधार पर ना तो कन्विक्शन हो पा रहा है और ना ही डॉक्टरों को मुआवजा मिल पा रहा है.
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