नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों से बातचीत की. इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों से सावधानी जारी रखने और कोरोना के प्रति गंभीर रहने की अपील की. उन्होंने कहा कि एक तरफ हम महामारी से लड़ रहे हैं, तो दूसरी तरफ हमें, हाल में पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में, प्राकृतिक आपदा का भी सामना करना पड़ा है.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों के दौरान हमने पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अम्फान का कहर देखा. तूफान से अनेकों घर तबाह हो गए. किसानों को भी भारी नुकसान हुआ. संकट की इस घड़ी में, देश भी, हर तरह से वहाँ के लोगों के साथ खड़ा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक तरफ जहाँ पूर्वी भारत तूफान से आयी आपदा का सामना कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ देश के कई हिस्से टिड्डियों के हमले से प्रभावित हुए हैं. इन हमलों ने फिर हमें याद दिलाया है कि ये छोटा सा जीव कितना नुकसान करता है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार हो, राज्य सरकार हो, कृषि विभाग हो, प्रशासन भी इस संकट के नुकसान से बचने के लिए, किसानों की मदद करने के लिए, आधुनिक संसाधनों का भी उपयोग कर रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ दिन बाद ही 5 जून को पूरी दुनिया विश्व पर्यावरण दिवस मनाएगी. विश्व पर्यावरण दिवस पर इस साल की थीम है, जैव-विविधता. वर्तमान परिस्थितियों में यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. कोरोना के दौरान पिछले कुछ हफ्तों में जीवन की रफ्तार थोड़ी धीमी जरुर हुई है, लेकिन इससे हमें अपने आसपास, प्रकृति की समृद्ध विविधता को, जैव विविधता को, करीब से देखने का अवसर भी मिला है.
आज कितने ही ऐसे पक्षी जो प्रदूषण और शोर-शराबे में ओझल हो गए थे, सालों बाद उनकी आवाज को लोग अपने घरों में सुन रहे हैं. अनेक जगहों से, जानवरों के उन्मुक्त विचरण की खबरें भी आ रही हैं. बहुत लोग कह रहे हैं, लिख रहे हैं, तस्वीरें साझा कर रहे हैं, कि, वह अपने घर से दूर-दूर पहाडिय़ां देख पा रहे हैं, दूर-दूर जलती हुई रोशनी देख रहे हैं.
इन तस्वीरों को देखकर, कई लोगों के मन में ये संकल्प उठा होगा क्या हम उन दृश्यों को ऐसे ही बनाए रख सकते हैं. इन तस्वीरों ने लोगों को प्रकृति के लिए कुछ करने की प्रेरणा भी दी है कि नदियां सदा स्वच्छ रहें, पशु-पक्षियों को भी खुलकर जीने का हक मिले, आसमान भी साफ-सुथरा हो, इसके लिए हम प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर जीवन जीने की प्रेरणा ले सकते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि स्वच्छ पर्यावरण सीधे हमारे जीवन, हमारे बच्चों के भविष्य का विषय है. इसलिए, हमें व्यक्तिगत स्तर पर भी इसकी चिंता करनी होगी. मेरा आपसे अनुरोध है कि इस पर्यावरण दिवस पर, कुछ पेड़ अवश्य लगाएँ और प्रकृति की सेवा के लिए कुछ ऐसा संकल्प अवश्य लें जिससे प्रकृति के साथ आपका हर दिन का रिश्ता बना रहे कहाँ! गर्मी बढ़ रही है, इसलिए, पक्षियों के लिए पानी का इंतजाम करना मत भूलियेगा.
उन्होंने कहा कि हम बार-बार सुनते हैं जल है तो जीवन है, जल है तो कल है, लेकिन जल के साथ हमारी जिम्मेवारी भी है. वर्षा का पानी, बारिश का पानी, ये हमें बचाना है, एक-एक बूंद को बचाना है. गाँव-गाँव वर्षा के पानी को हम कैसे बचाएँ? परंपरागत बहुत सरल उपाय हैं, उन सरल उपाय से भी हम पानी को रोक सकते हैं. सात दिन भी अगर पानी रुका रहेगा तो धरती माँ की प्यास बुझाएगा, पानी फिर जमीन में जायेगा, वह जल, जीवन की शक्ति बन जायेगा और इसलिए, इस वर्षा ऋतु में, हम सब का प्रयास रहना चाहिए कि हम पानी को बचाएँ, पानी को संरक्षित करें.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम सबको ये भी ध्यान रखना होगा कि इतनी कठिन तपस्या के बाद, इतनी कठिनाइयों के बाद, देश ने जिस तरह हालात संभाला है, उसे बिगडऩे नहीं देना है, हमें इस लड़ाई को कमजोर नहीं होने देना है. हम लापरवाह हो जाएँ, सावधानी छोड़ दें, ये कोई विकल्प नहीं है कोरोना के खिलाफ लड़ाई अब भी उतनी ही गंभीर है.
आपको, आपके परिवार को, कोरोना से अभी भी उतना ही गंभीर खतरा हो सकता है. हमें, हर इंसान की जिन्दगी को बचाना है, इसलिए दो गज की दूरी, चेहरे पर मास्क, हाथों को धोना, इन सब सावधानियों का वैसे ही पालन करते रहना है जैसे अभी तक करते आए हैं. मुझे पूरा विश्वास है, कि आप अपने लिए, अपनों के लिए, अपने देश के लिए, ये सावधानी जरूर रखेंगे.