अमेठी. अनामिका शुक्ला के डाक्यूमेंट्स पर नौकरी कर रही एक और फर्जी टीचर गिरफ्तार हुई है. अनामिका शुक्ला के नाम पर आरती उर्फ़ आकृति 28 नवंबर 2019 से अमेठी के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में नौकरी कर रही थी. अमेठी एसपी ख्याति गर्ग ने बताया कि फर्जी अनामिका कन्नौज के विशुनगढ़ थानाक्षेत्र के सरदारमई गांव की रहने वाली है और तीन दिन पहले गिरफ्तार हुए पुष्पेंद्र ने दो लाख रुपए में उसकी तैनाती करवाई थी.
पूछताछ में आरती ने बताया कि सैलरी के रूप में उसे महज 10 हजार रुपए ही मिलते थे. बाकी का हिस्सा पुष्पेंद्र ले लेता था, लेकिन वह इस बात का जवाब नहीं दे सकी कि पुष्पेंद्र का हिस्सा पहुंचता कैसे था. उसने बताया कि नौकरी के एवज में पुष्पेंद्र ने उससे दो लाख रुपए मांगे थे, लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे. फिर आधी सैलरी देने पर सौदा तय हुआ. उसने बताया कि पुष्पेंद्र ने पहले आरती, आकृति और अन्नू के नाम से आवेदन करवाया, लेकिन उसे नौकरी नहीं मिली. इसके बाद अनामिका शुक्ला के नाम पर आवेदन करवाया गया.
एसपी ख्याति गर्ग ने बताया कि जांच में पता चला कि आरती अनामिका शुक्ला के सर्टिफिकेट्स, आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र पर अमेठी स्थित कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नौकरी कर रही थी.
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर शिक्षिकाओं की नियुक्ति कराने वाले गैंग का मास्टरमाइंड खुद फेक डाक्यूमेंट्स के आधार पर किसी और के नाम से सहायक अध्यापक बना था. यह खुलासा गिरफ़्तारी के बाद एसटीएफ के पूछताछ में हुआ. मास्टरमाइंड पुष्पेंद्र उर्फ राज उर्फ गुरुजी उर्फ सुशील फर्रुखाबाद के सरकारी विद्यालय में सहायक शिक्षक है. उसने खुद यह नौकरी फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर हासिल की. इतना ही नहीं, उसने यहीं से इस गैंग की शुरुआत भी की.
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