चाइनीज सामान पर भारत इतना ज्यादा निर्भर हो चुका है कि चाह कर भी रातोंरात बैन करने का फैसला लागू नहीं कर सकता है. गलवान घाटी की घटना के बाद कस्टम विभाग ने चीन से आयातित होने वाले सभी सामानों का 100 फीसदी वेरिफिकेशन का आदेश दिया. फिजिकल वेरिफिकेशन में टाइम लगने के कारण सप्लाई चेन में रुकावट आई, जिससे इलेक्ट्रॉनिक सामान महंगे हो गए हैं.
दरअसल लॉकडाउन के बाद जब से बाजार खुले हैं, लोग गर्मी में जरूरत के हिसाब से टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसे इलेक्ट्रॉनिक सामानों की ज्यादा खरीदारी कर रहे हैं. इलेक्ट्रॉनिक गुड्स में चीन के ब्रैंड का अच्छा-खास शेयर है. कोरोना के कारण सप्लाई चेन पहले से खराब थी. टेंशन बढ़ने के चलते 100 फीसदी फिजिकल वेरिफिकेशन के कारण यह और ज्यादा प्रभावित हो गए.
सप्लाई चेन प्रभावित होने से बाजार में इसकी डिमांड तो कायम है, लेकिन सप्लाई कम है. ऐसे में कीमत में तेजी आ गई है. लॉकडाउन खुलते ही जिस सामान पर बेचने के लिए डिस्काउंट ऑफर किया जा रहा था, वह हटा लिया गया है. ऐसे में टीवी, फ्रिज और वॉशिंग मशीन जैसे सामानों की कीमत 10-12 फीसदी तक बढ़ गई है.
चीन से आयातित होने वाले 90 प्रतिशत से अधिक इलेक्ट्रॉनिक सामान में इंटीग्रेटेड सर्किट और टेलीविजन सेट है. देश में गैर-तेल आयात में चीन की हिस्सेदारी करीब 14 प्रतिशत है. भारत को डिस्प्ले पैनल, प्रिंटेड सर्किट बोर्ड के लिए पूरी तरह से चीन के आयात पर ही निर्भर रहना पड़ता है. ऐसे में चाइनीज सामान के आयात रोकने से घरेलू इंडस्ट्री पर असर पड़ रहा है.