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राजस्थान: पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का 9 दिन में पहला बयान- जनता की भी तो सोचें

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जयपुर. राजस्थान में सियासी संकट को शनिवार 18 जुलाई को 9 दिन हो गए. वसुंधरा राजे तब से गृह नगर धौलपुर में हैं. उनको मंगलवार और बुधवार को जयपुर में भाजपा की बैठक में शामिल होना था, लेकिन वे नहीं पहुंचीं. इसके बाद से उन पर गहलोत सरकार का साथ देने के आरोप लगे. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि कोरोना संकट के इस दौर में कांग्रेस भाजपा और उसके नेतृत्व पर दोष लगाने की कोशिश कर रही है
राजस्थान के सियासी घटनाक्रम पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पहली बार बयान दिया.

उन्होंने ट्वीट किया, कांग्रेस की आंतरिक कलह का नुकसान प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है. इससे पहले उन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का साथ देने का आरोप लगा. रालोपा के नेता हनुमान बेनीवाल ने गुरुवार को कहा था कि वे (वसुंधरा) गहलोत सरकार को बचा रही हैं. पायलट खेमे ने भी उन पर ऐसे ही आरोप लगाए थे.

भाजपा ने कहा- फोन टैपिंग की सीबीआई जांच होनी चाहिए

राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त को लेकर जारी फोन टैपिंग पर भाजपा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कहा कि क्या आधिकारिक रूप से फोन टैपिंग हुई, क्या सरकार ने खुद को बचाने के लिए गैर संवैधानिक तरीकों का इस्तेमाल किया? इसकी जांच सीबीआई से कराई जाना चाहिए. ऑडियो टेप गुरुवार रात सामने आए थे. कांग्रेस का आरोप है कि इसमें सरकार गिराने को लेकर बातचीत की गई.

भाजपा के गहलोत सरकार से 6 सवाल

1. क्या आधिकारिक रूप से फोन टैपिंग की गई?

2. फोन टैपिंग की गई है तो क्या यह संवेदनशील इश्यू नहीं हैं?

3. अगर फोन टैपिंग हुई तो क्या इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम (एसओपी) का पालन किया गया?

4. क्या गहलोत सरकार ने खुद को बचाने के लिए यह ऑडियो टेप का प्रौपेगेंडा खड़ा नहीं किया?

5. क्या राजस्थान में किसी भी व्यक्ति का फोन टेप किया जा रहा है?  

6. क्या अप्रयत्क्ष रूप से राजस्थान में इमरजेंसी नहीं लगी है? 

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