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अगर एन श्रीनिवासन नहीं होता तो धोनी से कब का छिन गई होती कप्तानी

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नई दिल्ली . भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धोनी अब भारत के पूर्व क्रिकेटर बनकर रह गए हैं, क्योंकि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान करने बाद उन्हें जानने वाले और उनसे जुड़े दिग्गज उनसे जुड़ी बातों का खुलासा कर रहे हैं. इस कड़ी में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने भी धोनी की कप्तानी को लेकर बड़ा खुलासा किया है.

श्रीनिवासन ने कहा कि साल 2011 में एमएस धोनी ने देश को विश्व कप जिताया था, लेकिन अगली कुछ सीरीजों में उनका प्रदर्शन बतौर कप्तान अच्छा नहीं रहा. ऐसे में एक समय धोनी की कप्तानी भी खतरे में पड़ गई थी, लेकिन उन्होंने बचा ली. श्रीनिवासन ने कहा, “2011 में भारत ने विश्व कप खिताब जीता और फिर हम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज में अच्छा नहीं कर पाए, तब एक चयनकर्ता थे जो धोनी को वनडे टीम की कप्तानी से भी हटाना चाहते थे.”

बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष ने आगे बताया, “विश्व कप जीतने के बाद भारत को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में क्लीनस्वीप का सामना करना पड़ा था. इसके बाद चयनकर्ता वनडे ट्राई सीरीज से भी धोनी को कप्तानी से हटाना चाहते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं होने दिया.” दरअसल, उस समय बीसीसीआई के अध्यक्ष श्रीनिवासन थे, जो छुट्टी पर थे. वह दफ्तर लौटे और उन्होंने धोनी की कप्तानी जाने से बचाई.

श्रीनिवासन ने एक वेबसाइट से बात करते हुए कहा, “चयनकर्ताओं ने यह भी नहीं सोचा कि धोनी के बाद कप्तानी किसे देनी है. औपचारिक बैठक से पहले मैंने कहा कि ऐसी स्थिति नहीं होगी कि वह कप्तान के तौर पर न खेलें. मैं छुट्टी पर था और गोल्फ खेल रहा था, मैं वापस आया, उस समय बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले ने मुझे बताया कि चयनकर्ता धोनी को कप्तान चुनने से मना कर रहे हैं. मैंने बतौर बीसीसीआई अध्यक्ष अपने अधिकारों का इस्तेमाल किया और कहा कि वह ही कप्तान रहेंगे. पुराने संविधान के अनुसार तब टीम चयन में बीसीसीआई अध्यक्ष की स्वीकृति जरूरी होती थी.

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