नई दिल्ली। कांग्रेस की कार्यकारी प्रेसीडेंट सोनिया गांधी ने गुरुवार को कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बैठक की। बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पंजाब के सीएम, छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी के मुख्यमंत्री शामिल हुए। बैठक में अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि, जीएसटी मुआवजा एक बड़ा मुद्दा लगता है। संसद द्वारा पारित कानूनों के अनुसार समय पर राज्यों को मुआवजा दिया जाना महत्वपूर्ण है और ऐसा नहीं हो रहा है। बकाया जमा हो गए हैं और राज्य वित्त बुरी तरह प्रभावित हैं।
सोनिया ने आरोप लगाया कि राज्यों को जीएसटी का मुआवजा देने से इनकार करना राज्यों और भारत के लोगों के साथ छल के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘जीएसटी को सहयोगात्मक संघवाद के उदाहरण के तौर पर लागू किया गया। इसमें राज्यों को पांच साल तक 14 प्रतिशत की दर से मुआवजा देने का वादा किया गया है। केंद्र सरकार ने अपने इस वादे को तोड़ दिया है।
सोनिया गांधी ने मोदी सरकार द्वारा सार्वजनिक संस्थानों के निजीकरण का मामला भी उठाया। सोनिया गांधी ने कहा कि, दशकों से बनाई गई सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्तियां बेची जा रही हैं। कुछ राज्य सरकारों ने अपना विरोध व्यक्त किया है। छह हवाई अड्डों को निजी हाथों में दिया गया है। रेलवे, देश की जीवन रेखा का भी निजीकरण किया जा रहा है। मालूम हो कि हाल ही में छह हवाई अड्डों के परिचालन का ठेका निजी कंपनी को दिया गया है। इसमें लखनऊ, जयपुर, गुवाहाटी, अहमदाबाद, तिरुवनंतपुरम और मैंगलोर शामिल हैं।
बैठक में पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने नीट और जेईई के परीक्षा कराए जाने का मामला भी उठाया। बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, इस संकट के समय में भी भाजपा सरकार का ध्यान दूसरे राज्यों की सरकारें गिराने की तरफ है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की गिरती कीमतों के बावजूद पेट्रोल के दाम बढ़ रहे हैं। हमें ऐसे मुद्दों पर चल कर लड़ाई लड़नी पड़ेगी। वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों के मुद्दों को उठाया और मोदी सरकार पर निशाना साधा।
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