कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण देश की अर्थव्यवस्था मुश्किल हालात से गुजर रही है. वहीं रिजर्व बैंक ने मंगलवार को आर्थिक मोर्चे को लेकर एकबार फिर चेताया है. उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों में गिरावट चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भी जारी रह सकती है. केन्द्रीय बैंक का कहना है कि मई और जून माह के दौरान आर्थिक गतिविधियों में जो बढ़त देखी गई थी, वह कोरोना वायरस महामारी को नियंत्रित करने के लिये फिर से लगाये गये लॉकडाउन के कारण अपनी बढ़त खो बैठीं हैं.
केन्द्र सरकार ने कोविड-19 को काबू में रखने के लिये 25 मार्च को पूरे देश में लॉकडाउन लगाया था. उसके बाद मई में इस लॉकडाउन में आंशिक छूट दी गई जिससे उसके बाद लगातार विभिन्न चरणों में हटाया गया है. लेकिन कुछ राज्यों में कोविड- 19 का प्रसार बढ़ने की वजह से फिर से लॉकडाउन लगाया गया है.
रिजर्व बैंक की मंगलवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अब तक प्राप्त त्वरित आंकड़ों से जो संकेत मिलता है वह गतिविधियों में कमी आने की तरफ इशारा करते हैं यह अपने आप में अप्रत्याशित है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय 31 अगस्त को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान जारी करेगा. बहरहाल रिजर्व बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में आर्थिक वृद्धि के बारे में कोई अनुमान नहीं दिया है.
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