Thursday , December 12 2024
Breaking News

स्कूटर्स इंडिया समेत 6 सरकारी कंपनियों को बंद करने की तैयारी

Share this

नई दिल्ली – राज्य सभा ने मानसून सत्र के दौरान सदन में प्रश्न काल नहीं होने और निजी विधेयक पेश नहीं करने का सरकारी प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित कर दिया। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सदन में इस आशय का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए संसद के मानसून सत्र में सरकार प्रश्न काल नहीं होने और गैर सरकारी सदस्यों के निजी विधेयक पेश नहीं करने का प्रस्ताव रखती है। इस सरकारी प्रस्ताव का विरोध करते हुए तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने संशोधन पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से खारिज कर दिया। इससे पहले उन्होंने कहा कि प्रश्न काल होना चाहिए। इससे लोगों की समस्याओं का समाधान होता है और सरकार की जवाबदेही तय होती है। सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रश्न काल लोकतांत्रिक संसदीय प्रणाली का मूल है। इससे सरकार की नीतियों को जनता के सामने लाया जाता है।

इसी के साथ आज लोकसभा में लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार अपनी 20 कंपनियों (CPSEs) और उनकी यूनिट्स में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है। इसके साथ छह कंपनियों को बंद करने पर भी विचार किया जा रहा है। इन कंपनियों में रणनीतिक विनिवेश (strategic disinvestment) की प्रक्रिया विभिन्न चरणों में है। उन्होंने कहा कि सरकार स्ट्रैटजिक स्टेक सेल और माइनोरिटी स्टेक डाइल्यूशन के जरिए विनिवेश की नीति पर चल रही है। जिन कंपनियों को बंद करने पर विचार किया जा रहा है उनमें हिंदुस्तान फ्लोरोकार्बन लिमिटेड (HFL), स्कूटर्स इंडिया, भारत पंप्स एंड कम्प्रेसर्स लिमिटेड, हिंदुस्तान प्रीफैब, हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट और कर्नाटक एंड फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड शामिल हैं।

प्रोजेक्ट एंड डेवलपमेंट इंडिया लिमिडेट, इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट (इंडिया) लिमिटेड, ब्रिज एंड रूफ कंपनी इंडिया लिमिटेड, सीमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) की यूनिट्स, सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML), फैरो स्क्रैप निगम लिमिटेड और एनएमडीसी का नागरनार स्टील प्लांट में विनिवेश की प्रक्रिया चल रही है।

सरकार ने आज संसद में चालू वित्त वर्ष के लिए 235852.87 करोड़ रुपये की अनुदानों की पूरक मांगे पेश की जिसमें कोरोना महामारी से लड़ने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए 5915.49 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के लिए 2475 करोड़ रुपये और इस महामारी से लड़ने के लिए रेेल मंत्रालय के लिए 620 करोड़ और जैव प्रौद्योगिकी विभाग के लिए 350 करोड़ रुपये की अनुदान मांगें भी शामिल है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज से शुरू हुए मानसून सत्र के पहले दिन अनुदानों की पहली पूरक मांग को पहले लोकसभा में और फिर बाद में राज्यसभा में पेश किया। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से कुल 235852.87 करोड़ रुपए के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने के लिए संसद का अनुमोदन मांग जा रहा है। इसमें से शुद्ध नकद व्यय 166983.91 करोड़ रुपये है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए कोविड 19 महामारी से निपटने की तैयारियों के वास्ते 5915.49 करोड़ रुपये की सामान्य सहायता अनुदान , कोविड 19 महामारी की रोकथाम के लिए अतिरिक्त व्यय को पूरा करने के लिए 936.53 करोड़ रुपये की सामान्य अनुदान मांग इसमें शामिल है। रेल मंत्रालय कोविड 19 महामारी के लिए अपातकालीन प्रतिक्रिया एवं स्वास्थ्य तंत्र तैयारी पैकेज इत्यादि के व्यय के लिए 520 करोड़ रुपये की मांग की गयी है। इसके साथ की रेलवे द्वारा कोविड आइसोलेशन वार्ड बनाने के उद्देश्य से चिकित्सा उपकरणें आदि की खरीद को पूरा करने के लिए 100 करोड़ रुपये की मांग की गई है।

Share this
Translate »