नई दिल्ली. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम इंडिया की शुरुआत बेहद खराब हुई है. टीम की गेंदबाजी ने काफी निराश किया है. नियमित गेंदबाजों के बैकअप के लिए गेंदबाजी विकल्प की कमी और वनडे प्रारूप में खुद को तेजी से ढालने में असमर्थ होने के कारण भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों सीरीज गंवानी पड़ी है जबकि एक मैच और खेला जाना बाकी है. अगर भारत ये आखिरी मैच जीतने में नाकाम रहता है तो वह क्लीन स्वीप हो जाएगा.
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर लगातार दो वनडे हारने के कारण भारतीय टीम तीन मैचों की सीरीज में 0-2 से पिछड़ चुकी है और अब वह लगातार पांच वनडे मैच हार चुकी है. इससे पहले उसे फरवरी में न्यूजीलैंड से तीन वनडे मैचों में हार मिली थी.
सिडनी में मिली दो हार ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बहुत बड़ा गैप होने का खुलासा कर दिया है. भारत करीब दो महीने तक टी20 क्रिकेट खेलने के बाद 50 ओवरों के प्रारूप में खुद को ढाल रहा है. कप्तान विराट कोहली ने पहले वनडे में मिली हार के बाद कहा था कि खिलाड़ी अभी तक टी20 मोड से बाहर नहीं आए हैं.
उन्होंने कहा था, ‘हम टी 20 क्रिकेट खेल रहे हैं. संभवतः: जिसका असर हो सकता है. 25 ओवर के बाद बॉडी लैंग्वेज अच्छी नहीं थी’. हालांकि, भारत की सबसे बड़ी चिंता एक ऑलराउंडर विकल्प की कमी रही है, जो नियमित गेंदबाजों को बैक-अप के रूप में काम कर सके. भारत ने लिए पूरी तरह से फिट नहीं दिख रहे हार्दिक पांड्या से गेंदबाजी कराने की कोशिश की और अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन अगर उन्हें होने वाले तीसरे और अंतिम मैच में जीत हासिल करनी है, तो पांडया को अधिक ओवर फेंकने पड़ सकते हैं.
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