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आम बजट 2021 में भले ही राहतों का दरिया जितना भी बह गया, ..पर मिडिल क्लास फिर एक बार ठगा सा रह गया

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नई दिल्ली। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये गए आम बजट 2021 में भले ही कितना ही राहतों का दरिया बह गया पर मिडिल क्लास हर बार की तरह एक बार फिर से बस ठगा ही रह गया। जी हां ये हकीकत वो है जो बेहद ही कड़वी है। कहां इस बार मिडिल क्लास को बजट से बहुत उम्मीदें थीं क्योंकि कोरोना काल में सबसे ज्यादा प्रभावित जो वर्ग हुआ वो मिडिल क्लास ही था। मगर अफसोस कि उस पर इस बार भी कोई नजरे इनायत न हुई।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से पेश किए गए बजट में एक बार फिर से मिडिल क्लास को मायूसी हाथ लगी है। इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ है और न ही निवेश पर छूट की सीमा बढ़ी है, लेकिन कुछ झटके जरूर लगे हैं। दूसरी तरफ मिडिल क्लास को दिए इन्हीं जख्मों से सरकार ने किसानों को मरहम लगाने की कोशिश की है। पेट्रोल, डीजल और सोने पर सरकार की ओर एग्रिकल्चर सेस लगाया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल पर 2.5 रुपये और डीजल पर 4 रुपये कृषि सेस लगाने का प्रस्ताव बजट में पेश किया है। इसके अलावा सोने पर भी 2.5 पर्सेंट कृषि सेस लगेगा। 

दरअसल सरकार ने सोने पर कस्टम ड्यूटी को 12.5 फीसदी से घटाकर 7.5 पर्सेंट कर दिया है। इस तरह से मिडिल क्लास को सोने के आयात पर टैक्स में 5 पर्सेंट की राहत मिलने वाली थी। लेकिन इस पर सरकार ने अलग से 2.5 पर्सेंट का कृषि सेस लगा दिया है। इस तरह सोने पर कस्टम ड्यूटी में मिली 5 पर्सेंट की राहत अब 2.5 पर्सेंट ही रह जाएगी। सरकार ने एग्रिकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डिवेलपमेंट सेस के जरिए किसानों को राहत देने की कोशिश की है। इस सेस के जरिए जुटाई गई रकम का किसानों और कृषि से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को तैयार करने में इस्तेमाल किया जाएगा।

ज्ञात हो कि वित्त मंत्री द्वारा शुक्रवार को पेश किए जाने वाले बजट से लोगों ने बड़ी उम्मीदें लगा रखी थीं।। महंगाई और अर्थव्यवस्था में सुस्ती के कारण आमदनी ठहरने का सबसे ज्यादा असर मिडिल क्लास पर पड़ा है। देश का मिडिल क्लास इस बात की उम्मीद जता रहा है कि राहत पाने की अब उनकी बारी है और इस बजट से इनकम टैक्स में राहत की उनकी पुरानी मांग जरूर पूरी होगी। हम एक नजर डालते हैं मिडिल क्लास की उन मांगों पर जिनके पूरी होने पर वे राहत की सांस लेते।
1. व्यक्तिगत आयकर में कटौती- मिडिल क्लास की सबसे बड़ी मांग व्यक्तिगत आयकर में कटौती की है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसके लिए सरकार पांच लाख तक की आय को टैक्स फ्री करे, 5-10 लाख तक की आय पर 10%, 10-20 लाख तक की आय पर 20% तथा 20 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30% के आयकर का प्रावधान करती। ऐसा करने से न सिर्फ मिडिल क्लास को फायदा होता, बल्कि खर्च करने योग्य रकम बढ़ने से खपत को बढ़ावा मिलता।
2. होम लोन पर बढ़ सकती है टैक्स छूट- मध्य वर्ग को राहत देने के लिए सरकार होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा में बढ़ोतरी करती। वर्तमान में इनकम टैक्स के सेक्शन 24 के तहत ब्याज पर 2 लाख रुपये की छूट मिल रही है। उम्मीद जताई जा रही थी कि सरकार इस रकम को बढ़ाकर 3.5 लाख तक कर सकती है।

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