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चुनाव आयोग ने किया पांच राज्यों के चुनाव तारीखों का एलान, सबसे ज्यादा ममता दीदी हुईं हैरान और परेशान

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(सुनीता गुप्ता) नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने आज शुक्रवार को चार राज्या समेत एक केन्द्र शासित राज्य के चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है। जिसके अनुसार पहले चरण का मतदान जहां 27 मार्च को तो वहीं अंतिम अर्थात आठवें चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा। वहीं मतगणना 2 मई को होगी। चुनाव आयोग का मानना है कि राज्यवार स्थिति और परिस्थिति को देखते हुए ही उतने चरणवार चुनाव किये जाने का फैसला लिया गया है। जबकि वहीं चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने बंगाल में आठ चरणों में मतदान कराये जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसा भाजपा के कहने पर किया गया है। साथ ही टीएमसी समर्थक नेता शाकिर अली ने हास्यास्पद बयान दिया है। टीवी चैनल आज तक के एक कार्यक्रम में शाकिर अली ने कहा कि चुनाव आयोग ने पीएम मोदी के शुभ अंक 8 को ध्यान में रखते हुए तारीखों का ऐलान किया है। शाकिर अली ने कहा कि पीएम मोदी का शुभ अंक 8 है और इसीलिए 8 राउंड में चुनाव का फैसला लिया गया है। इसके अलावा 7वें राउंड की वोटिंग 26 अप्रैल को होनी है। हालांकि मुख्य चुनाव आयुक्त ने पहले ही इस बात को साफ कर दिया है कि राज्यवार हालातों को देखते ही फैसला लिया गया है।  इसके साथ ही

गौरतलब है कि आज शुक्रवार शाम चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने प्रेस वार्ता कर चार राज्यों समेत एक केन्द्र शासित राज्य में होने वाले चुनावों की तारीखों की घोषणा कर सिलसिलेवार विस्तृत ब्यौरा पेश किया गया। इसके तहत पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होगा। चुनाव किस तरह कराए जाएंगे और क्या-क्या व्यवस्था होगी, इससे जुड़ी तमाम जानकारियां चुनाव आयोग ने अपनी प्रेस वार्ता में दी हैं। निर्वाचन आयोग ने बताया है कि पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में होगा चुनाव, राज्य में 27 मार्च को पहले और 29 अप्रैल को आठवें चरण का मतदान होगा। वहीं सभी पांच विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना दो मई को होगी। ज्ञात हो कि यह चुनाव भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा के लिए अंतिम चुनाव होगा। कारण कि अरोड़ा 13 अप्रैल हो सेवानिवृत्त हो जाएंगे।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु में एक ही चरण में छह अप्रैल को मतदान होगा। असम में पहला चरण 27 मार्च, दूसरा 01 अप्रैल और तीसरा 06 अप्रैल को होगा। वहीं पश्चिम बंगाल में चुनाव के आठ चरण होंगे। पहला चरण 27 मार्च, दूसरा 01 अप्रैल, तीसरा 06 अप्रैल, चौथा 10 अप्रैल, पांचवां 17 अप्रैल, छठवां 22, सातवां 26 और आठवें चुनाव का चरण 29 अप्रैल को पूरा होगा। इस तरह से चारों केन्द्र शासित और एक केन्द्र शासित प्रदेश की मतगणना दो मई को होगी। गौरतलब है कि पुडुचेरी में हाल में ही अल्पमत में आने के बाद मुख्यमंत्री वी नारायण सामी ने पद से इस्तीफा दे दिया था और अब वहां भी चुनाव कराने की घोषणा हो गई है। कोरोना वायरस की वजह से वोटिंग का समय एक घंटे के लिए बढ़ा दिया गया है। सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक वोटिंग होगी। पहले शाम पांच बजे तक होती थी। वोटिंग से एक दिन पहले सभी पोलिंग स्टेशन को सैनिटाइज किया जाएगा। एक बूथ पर 1500 की बजाय 1000 मतदाता ही वोट डाल सकेंगे। पोलिंग स्टेशन के एंट्री-एग्जिट प्वाइंट पर साबुन, पानी और सैनिटाइजर उपलब्ध रहेगा। बिना मास्क के आने वालों के लिए बूथ पर मास्क रखे जाएंगे। विधानसभा चुनावों में तैनात हर कर्मी का कोविड-19 का टीकाकरण किया जाएगा।

अरोड़ा ने कहा कि इन चुनावों के दौरान कुल 824 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर 18.68 करोड़ लोग अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। उन्होंने ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए चुनाव आयोग ने राज्यसभा की 18 सीटों पर चुनाव के लिए ट्रायल शुरू किए थे। इसके बाद बिहार चुनाव की चुनौती आई, यह ईसीआई के लिए यह एक शानदार क्षण था। यह एक लिटमस टेस्ट की तरह सिद्ध हुआ। उन्होंने कहा कि कोविड योद्धाओं, चिकित्सकों, पैरामेडिक्स, नर्सों, वैज्ञानिकों और हमारे सभी अधिकारी जो चुनावी ड्यूटी में अग्रिम पंक्ति में तैनात थे, हम उन्हें धन्यवाद कहते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में हुए विधानसभा चुनाव को सफलतापूर्वक सुनिश्चित कराने में इनका अहम योगदान रहा। कोरोना वायरस चुनौती के बीच चुनावों के लिए हमने मतदाताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाए हैं और व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं।

चुनावों की तारीख का एलान होने पर जंगीपुर से कांग्रेस सांसद अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि निष्पक्ष चुनाव कराना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है। लोग निष्पक्ष, भयरहित चुनाव में भाग लें, मतदान करें। कोई किसी को डराए नहीं और कोई धमकाए नहीं। मुखर्जी ने कहा कि चुनाव आयोग की घोषणा में पूरा फोकस बंगाल पर दिखाई दे रहा है। एनडीए का टारगेट भी नजर आ रहा है। कांग्रेस सांसद का कहना है कि इस बार मुकाबला कड़ा है, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है। राज्य में धर्म निरपेक्ष सरकार ही सत्ता में आएगी। भले ही यह मिली-जुली क्यों न हों और इसमें कई धर्म निरपेक्ष शामिल हों। 

वहीं इस पर सूबे की सीएम ममता बनर्जी ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि असम में सिर्फ 3 राउंड में ही वोटिंग होगी। इसके अलावा तीन राज्यों में एक ही चरण में मतदान होना है, जबकि पश्चिम बंगाल में 8 राउंड में वोटिंग कराई जाएगी। यह गलत बात है। चुनाव आयोग के ऐलान के तुरंद बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में आयोग ने एक ही जिले में दो या तीन राउंड में वोटिंग का फैसला लिया है।

ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने बीजेपी के कहने पर 8 राउंड में चुनाव कराने का फैसला लिया है। उन्हें जो बीजेपी ने कहा है, वही किया गया है। ममता बनर्जी ने कहा कि आखिर अन्य राज्यों की तरह पश्चिम बंगाल में भी एक ही राउंट में वोटिंग क्यों नहीं कराई जा रही। इस दौरान ममता बनर्जी ने बांग्ला कार्ड खेलते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में कोई बंगाली ही राज करेगा। बता दें कि पश्चिम बंगाल में हमेशा से कई चरणों में मतदान होता रहा है। 2016 के विधानसभा चुनावों का आयोजन भी 7 चरणों में हुआ था।

जबकि भाजपा के नेता और पश्चिम बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने चुनाव आयोग की इस घोषणा का स्वागत किया है। भाजपा के उपाध्यक्ष राजकमल पाठक ने कहा कि अब चुनाव की अधिसूचना जारी हो गई है। राज्य की जनता बदलाव के लिए तैयार है और दो मई को चुनाव नतीजे आने के साथ उसका इंतजार खत्म हो जाएगा। ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल से भाजपा के सांसद आठ चरणों के मतदान पर खुलकर टिप्पणी नहीं करना चाहते। पूछने पर वह केवल इतना कहते हैं कि अब तक भाजपा के पौने दो सौ कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है। तृणमूल कांग्रेस के गुंडे राज्य में आतंक का पर्याय बन गए हैं।

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