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राजधानी लखनऊ में एटीएस की बड़ी कारवाई, दो अलकायदा समर्थित आतंकियों को पकड़ने में कामयाबी पाई

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  • दोनों आतंकवादी अलकायदा समर्थित अंसार गजवातुल हिंद संगठन से जुड़े हुए

  • ये लोग 15 अगस्त से पहले शहरों में अलग-अलग जगह धमाके की योजना बना रहे थे

  • एटीएस को उसके घर से एक पिस्टल, भारी मात्रा में विस्फोटक व आईईडी बरामद हुई

    रवि प्रकाश श्रीवास्तव, लखनऊ।  देश के सबसे बड़े और अहम सूबे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बार फिर कुख्यात आतंकी संगठन अल कायदा के सहयोगी संगठन अंसार गजवातुल हिन्द के दो आतंकियो को कुकर बम तथा अन्य विस्फोटक और असलहों समेत गिरफ्तार किये जाने से हड़कम्प सा मच गया और राजधानीवासी फिर से दहशत में आने को मजबूर हो गये। ज्ञात हो कि तकरीबन साढ़े चार साल पहले भी इसी इलाके में एटीएस ने तकरीबन डेढ़ दिन की जबर्दस्त कारवाई के बाद सैफुल्लाह नामक आइएसआईएस आतंकी को मार गिराया था तब ये इलाका पहली बार काफी चर्चा में रहा था। उसके बाद संभवतः बीतते वक्त के साथ ये इलाका पुलिस और तमाम खुफिया एजेंसियों के रडार से बाहर होता गया जिसके परिणामस्वरूप ही एक बार फिर से इसी इलाके में आतंकियों ने अपनी जड़े जमाने की बेहद ही दुस्साहसिक कोशिश की है। इतना ही नही एक बार फिर इसी इलाके से आतंकियो के पकड़े जाने से ये भी साबित होता है कि इस इलाके में किसी न किसी रूप में न सिर्फ आतंकियो के खैरख्वाह मौजूद हैं बल्कि मददगार भी मौजूद हैं जिनको पूर्व में बाहरी आतंकी संगठनों ने फंडिग करके इन इलाकों मे बसाया है ताकि वक्त जरूरत पर वो आतंकी संगठन के सदस्यों को यहां पर ठहरने और छिपने में मदद करें।

    इस बाबत एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान जानकारी देते हुए यूपी के एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि लखनऊ से गिरफ्तार किए गए दोनों आतंकवादी अलकायदा समर्थित अंसार गजवातुल हिंद संगठन से जुड़े हुए थे। ये लोग 15 अगस्त से पहले शहरों को दहलाने की योजना बना रहे थे। एटीएस को इनके पास से विस्फोटक बरामद हुआ है। लखनऊ में एटीएस की कार्रवाई में गिरफ्तार किए गए दोनों आतंकवादी अलकायदा समर्थित गजवातुल हिंद संगठन से जुड़े हुए थे। यह संगठन उमर नामक एक व्यक्ति द्वारा संचालित किया जा रहा था। यूपी के एडीजी के अनुसार, अलकायदा समर्थित आतंकी संगठन पेशावर व क्वेटा से संचालित किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि उमर लखनऊ में जेहादी प्रवृत्ति के लोगों को तैयार कर रहा था। उन्होंने बताया कि मिनहाज अहमद और मशीरुद्दीन उर्फ मुशीर इस संगठन के सदस्य हैं। ये लोग 15 अगस्त से पहले शहरों में अलग-अलग जगह धमाके की योजना बना रहे थे।

    एडीजी ने बताया कि इनपुट के आधार पर मिनहाज के घर से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किया गया है। एडीजी ने कहा कि सूचना मिलने पर एक टीम द्वारा मिनहाज अहमद के लखनऊ स्थित घर पर दबिश दी गई तो वह घर पर मिला। उसके घर से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ। एटीएस को उसके घर से एक पिस्टल व आईईडी बरामद हुई। वहीं, प्राप्त हुए आईईडी को बीडीडीएस की मदद से निष्क्रिय कराया जा रहा है। दूसरी टीम के द्वारा अभियुक्त मशीरुद्दीन के लखनऊ स्थित घर पर दबिश दी गई। उसके घर से भी भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद हुआ। एडीजी के अनुसार दोनों अभियुक्तों से एटीएस पूछताछ कर रही है। उन्होंने बताया कि अन्य टीमों द्वारा इन आतंकवादियों के सहयोगियों की तलाश हेतु अलग-अलग स्थानों पर दबिश दी जा रही है। पूछताछ के दौरान हिरासत में हिए गए अभियुक्तों द्वारा अपने सहयोगियों के घर से भाग जाने की बात कही गई है। जिसके आधार पर एटीएस की टीम इन इलाकों में सघन चेकिंग अभियान चला रही है।

    गौरतलब है कि  राजधानी लखनऊ में आतंकी संगठन अलकायदा का एक आतंकवादी भारी विस्फोटकों के साथ गिरफ्तार किया गया है जबकि काकोरी थाना क्षेत्र की सीतेबिहार कॉलोनी में छापेमारी कर एक अन्य को गिरफ्तार किया गया है। एटीएस को यहां पर संदिग्ध आतंकवादी छुपे होने की जानकारी मिली थी। एटीएस ने यहां छापेमारी कर घर के अंदर से दो प्रेशर कुकर बम एक अर्ध निर्मित टाइम बम बरामद किया है। बताया जा रहा है कि ये लोग दो-तीन दिन में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे। एटीएस ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली है। दरअसल गत सोमवार को एटीएस ने एक संदिग्ध को छापेमारी कर गिरफ्तार किया था। उसी की निशानदेही पर रविवार सुबह फिर एटीएस ने सिराज, रियाज और शाहिद उर्फ गुड्डू के मकानों में छापा मारा। एटीएस वसीम नाम के युवक को अपने साथ गिरफ्तार कर ले गई है।

    एटीएस ने छापेमारी के दौरान कॉलोनी से शाहिद उर्फ गुड्डू और वसीम को गिरफ्तार किया और उनसे पूछताछ की। इसके बाद वसीम को अपने साथ लेकर चली गई। शाहिद अपने परिवार के साथ सीता विहार कॉलोनी में रहता है। उसने पांच मकानों को किराए पर उठा रखा है।एटीएस को काकोरी थाना क्षेत्र के दुबग्गा स्थित एक घर मे संदिग्ध लोगों के छिपे होने की सूचना मिली थी। जिसके आधार पर पड़ताल के लिए एटीएस की टीम ने छापेमारी की है। टीम घर के अंदर मौजूद लोगों से पूछताछ कर रही है। एटीएस की टीम के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद है। एटीएस को घर के अंदर प्रेशर कुकर बम और टाइम बम बरामद हुए हैं। एटीएस की कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया। टीम ने इलाके की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन जारी रखा है।

    ज्ञात हो कि  लखनऊ का काकोरी थाना क्षेत्र साढ़े चार साल बाद आतंकी ठिकानों को लेकर फिर से चर्चा में आ गया है। साल 2017 के फरवरी महीने में काकोरी की हाजी कॉलोनी में एटीएस ने एक लंबे ऑपरेशन के बाद सैफुल्लाह नाम के आईएसआईएस आतंकी को मार गिराया था। इस घटना ने पूरे काकोरी क्षेत्र में दहशत फैला दी थी। सैफुल्लाह जिस मकान में रह रहा था वह मकान भी मलिहाबाद के व्यक्ति का था। डेढ़ दिन चले ऑपरेशन में एटीएस और लखनऊ पुलिस ने ना सिर्फ सैफुल्लाह को मार गिराया था बल्कि भारी मात्रा में विस्फोटक, कारतूस और हथियार बरामद किए थे। एटीएस ने दावा किया था कि मारे गए सैफुल्लाह ने लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में विस्फोट करने की योजना बनाई थी। इस घटना के बाद पूरे काकोरी क्षेत्र में किरायेदारों के सत्यापन का अभियान भी चलाया गया था लेकिन वक्त बीतने के साथ-साथ यह अभियान भी बंद हो गया। अब इसी हाजीपुर कॉलोनी से मात्र 2 किलोमीटर दूर सीते विहार कॉलोनी में फिर से आतंकवादी के छिपे होने की घटना ने आसपास के लोगों को दहशत में डाल दिया है।

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