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जापान के PM का पद छोड़ेंगे योशिहिदे सुगा, री-इलेक्शन नहीं लड़ने का लिया फैसला

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टोक्यो. जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा ने कहा है कि वह सत्तारूढ़ पार्टी के नेता के तौर पर इस महीने होने वाले री-इलेक्शन में अपनी उम्मीदवारी पेश नहीं करेंगे. इससे संकेत मिलते हैं कि सितंबर अंत तक वह जापानी पीएम के तौर पर इस्तीफा दे सकते हैं. ठीक एक साल पहले शिंजो आबे के इस्तीफे के बाद सुगा को प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया था. योशिहिदे सुगा का पार्टी लीडर न बनने की इच्छा जाहिर करना उनकी गिरती अप्रूवल रेटिंग के बीच आया है.

जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा की अप्रूवल रेटिंग रिकॉर्ड स्तर पर गिर गई हैं. Nikkei के हालिया पोल के मुताबिक, सुगा कैबिनेट की अप्रूवल रेटिंग सबसे कम 34 फीसदी पर है.

सार्वजनिक क्षेत्र के प्रसारक एनएचके के अनुसार सुगा ने शुक्रवार को उनकी सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के कार्यकारी अधिकारियों को बताया कि वह पार्टी का नेतृत्व करने के लिए अपनी उम्मीदवारी पेश नहीं करेंगे, जिसके लिए 29 सितंबर को चुनाव होने हैं. इसका मतलब है कि जापान को एक नया नेता मिलेगा, जो एलडीपी के प्रमुख के रूप में चुना जाएगा. पार्टी को संसद में बहुमत प्राप्त होने के कारण उसके नेता को ही जापान का नेता चुना जाएगा.

कोरोना से निपटने के लिए तेजी से कार्रवाई ना करने और जन स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के बावजूद ओलंपिक आयोजित करने को लेकर सुगा की देश में काफी आलोचना की जा रही है. जापान में फिलहाल आपातकाल लागू है. देश में 15 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं और वैक्सीनेशन की रफ्तार भी काफी धीमी है. कोरोना से बिगड़े हालातों के बीच ओलंपिक गेम्स का आयोजन करना लोगों के बीच खासा अनपॉपुलर रहा.

एएफपी की एक रिपोर्ट के अनुसार, सुगा की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के महासचिव ने कहा, ‘आज कार्यकारी बैठक के दौरान सुगा ने कहा है कि वह कोरोना से निपटने वाले उपायों के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं और वह इस महीने पार्टी नेतृत्व के लिए होने वाले चुनावों में हिस्सा नहीं लेंगे. उन्होंने कहा, ‘मैं इस फैसले से हैरान हूं. उन्होंने अच्छा काम किया, लेकिन उन्होंने अपना फैसला कर लिया है.

स्ट्रॉबेरी किसानों के परिवार से आने वाले 72 वर्षीय सुगा को सबसे पहले 1987 में योकोहामा सिटी काउंसिल से चुना गया था. इसके बाद 1996 में उन्हें पहली बार सांसद के रूप में चुना गया. 2005 में प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोइजुमी ने उन्हें आंतरिक मामलों और संचार का वरिष्ठ उप मंत्री नियुक्त किया. अगले साल कोइजुमी के उत्तराधिकारी शिंजो आबे ने तीन कैबिनेट पदों के साथ मंत्री के रूप में प्रमोट किया.

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