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केंद्र सरकार ने कपड़ा उद्योग के लिए पीएलआई को दी मंजूरी, टेलिकॉम इंडस्ट्री को नहीं मिला राहत पैकेज

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नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक  में आज टेलिकॉम इंडस्ट्री को निराशा हाथ लगी है. वहीं, टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिए केंद्र सरकार ने परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई)को मंजूरी दे दी है. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मैनमेड फाइबर अपैरल के लिए 7,000 करोड़ रुपये और टेक्निकल टेक्सटाइल के लिए 4,000 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी मिली है. वहीं, टेलिकॉम इंडस्ट्री के लिए राहत पैकेज को मंजूरी नहीं दी गई है. दरअसल, तकनीकी समस्?या के कारण इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी के लिए रखा ही नहीं जा सका.

टेलिकॉम कंपनियों के टॉक्स में गिरावट हुई शुरू

बाजार को उम्मीद थी कि केंद्र सरकार टेलिकॉम सेक्टर को संकट से उबारने के लिए बड़ी मदद करने का फैसला ले सकती है. माना जा रहा था कि आज की कैबिनेट मीट में एजीआर की नई परिभाषा को मंजूरी मिल सकती है. उम्मीद थी कि केंद्र सरकार कंपनियों को सिर्फ टेलिकॉम सेवाओं पर एजीआर देने का प्रावधान कर सकती है. इसके साथ ही कंपनियों की लाइसेंस फीस में कटौती की भी उम्मीद की जा रही थी. इन उम्मीदों पर पानी फिरने के बाद जोश में चल रहे टेलिकॉम सेक्टर से जुड़े शेयरों में आज कमजोरी हावी हो गई है. आइडिया, भारती एयरटेल  और इंडस टॉवर जैसे शेयरों में सुस्ती आती दिखी है.

7 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार, निर्यात बढ़ेगा

कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि टेक्सटाइल सेक्टर को पीएलआई की मंजूरी से 7 लाख लोगों के लिए नौकरी के मौके पैदा होंगे और निर्यात में भी तेजी आएगी. भारत के कपड़ा निर्यात में मैन मेड फाइबर का योगदान महज 20 फीसदी है. पीएलआई के तहत टेक्सटाइल कंपनियां हर साल उत्पादन में जितनी बढ़ोतरी करेंगी, उसी आधार पर इंसेंटिव मिलता जाएगा. भारत के कपड़ा उद्योग की बात करें तो वर्तमान में कॉटन का योगदान 80 फीसदी और एमएमएफ का योगदान महज 20 फीसदी है. दुनिया के अन्य देश इस मामले में हमसे काफी आगे हैं. ऐसे में इस सेगमेंट और सेक्टर को प्रमोट करने की जरूरत है. पीएलआई स्कीम एक मजबूत कदम होगा.

अर्थव्यवस्था में टेक्सटाइल सेक्टर का बड़ा योगदान

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा रोजगार टेक्सटाइल इंडस्ट्री ही देती है. इस सेक्टर का हमारी अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान रहा है. आज अंतरराष्ट्रीय व्यापार का दो तिहाई बाजार मैन मेड टेक्सटाइल और टेक्निकल टेक्सटाइल का है. ऐसे में भारत भी फेब्रिक, गारमेंट्स समेत पूरे इकोसिस्टम में अपना योगदान दे. इसके लिये पीएलआई योजना को मंजूरी दी गई है. भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के मकसद से अब तक 13 सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम का ऐलान किया जा चुका है. कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब कपड़ा मंत्रालय इस स्कीम को लेकर दिशानिर्देश जारी करेगा.

टेक्सटाइल पीएलआई का इन राज्यों को मिलेगा फायदा

केंद्रीय मंत्री गोयल ने बताया कि 10,683 करोड़ रुपये इंसेंटिव के तौर पर प्रोडक्शन के अतिरिक्?त दिए जाएंगे. इससे भारतीय कंपनियां ग्लोबल चैंपियन बनेंगी. टियर 3 और टियर 4 शहरों के पास मौजूद कंपनियों को ज्यादा प्राथमिकता मिलेगी. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही रोजगार सृजन पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा. गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा को इस योजना का सीधा फायदा होगा.

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