नई दिल्ली. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को जम्मू कश्मीर की सुरक्षा और विकास कार्यों का जायजा लिया. समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है. केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों और प्रशासन के साथ उनकी यह बैठक ऐसे वक्त पर हुई है जब दो दिन पहले तालिबान ने अफगानिस्तान में नई अंतरिम सरकार के गठन का ऐलान किया है.
ऐसी रिपोर्ट्स है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा ने तालिबान के साथ दोस्ताना संबंधों के चलते अपना अड्डा अफगानिस्तान में शिफ्ट कर लिया है. ये दोनों ही आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर में सक्रिय हैं और कई हमलों में इसकी संलिप्तता रही है.
आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि गृह मंत्री ने जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और सीमा पार से घुसपैठ रोकने और केन्द्र शासित प्रदेश में शांति बरकरार रखने के लिए उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की. गौरतलब है कि अफगानिस्तान का नया गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी को बनाया गया है. वह आतंकी हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख है और काबुल स्थित भारतीय दूतावास समेत कई भारतीय संपत्तियों पर हमले के पीछे उसका हाथ रहा है.
पिछले हफ्ते तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा था, “मुसलमान होने के नाते हमें भी यह अधिकार है कि मुस्लिमों के लिए कश्मीर, भारत या किसी अन्य देश में अपनी आवाज उठाएं.” इस बैठक में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, एनएसए अजीत डोभाल, आर्मी चीफ एम.एम. नरवणे, केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, आईबी के डायरेक्टर अरविंद कुमार, रॉ के चीफ सामंत गोयल, बीएसएफ की डीजी पंकज सिंह और सीआरपीएफ के प्रमुख कुलदीप सिंह ने हिस्सा लिया.
Disha News India Hindi News Portal