नई दिल्ली. भगत सिंह की जयंती के मौके पर आज सीपीआई नेता कन्हैया कुमार और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी कांग्रेस में शामिल हो गए. इससे पहले राहुल गांधी के साथ दोनों नेता दिल्ली के आईटीओ स्थित शहीदी पार्क पहुंचे. यहां तीनों नेताओं ने भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इस दौरान गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल भी मौजूद रहे.
पार्टी में स्वागत करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि 7 सालों से देश में मोदी सरकार जो हिटलरशाही की नीति पर चल रही है, उसके खिलाफ दोनों नेताओं ने आवाज उठाई है. वहीं कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि कन्हैया कुमार फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेसन के प्रतीक हैं.
कांग्रेस में कन्हैया और जिग्नेश की भूमिका क्या होगी इसको लेकर तस्वीर साफ नहीं है. हालांकि बताया जा रहा है कि दोनों युवा नेता देश भर में युवाओं को कांग्रेस से जोडऩे और मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलनों की मुहिम चला सकते हैं. चर्चा यह भी है कि बिहार में कन्हैया और गुजरात में जिग्नेश को कांग्रेस बड़ा पद दे सकती है. इसी रणनीति के तहत आने वाले दिनों में कुछ और युवा नेता कांग्रेस में शामिल होंगे.
बीजेपी शासित गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मेवाणी कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं. मेवाणी 2017 के राज्य विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन से बनासकांठा जिले के वडगाम सीट से निर्वाचित हुए थे.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के पार्टी में शामिल होने से पहले कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इशारों-इशारों में अपनी ही पार्टी पर तंज किया. उन्होंने कम्युनिस्ट विचारक रहे कुमारमंगलम की पुस्तक कम्युनिस्ट्स इन कांग्रेस का हवाला दिया.
लोकसभा सदस्य तिवारी ने ट्वीट किया, कुछ कम्युनिस्ट नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें हैं. अब शायद 1973 की पुस्तक कम्युनिस्ट्स इन कांग्रेस के पन्ने फिर से पलटे जाएं. लगता है कि चीजें जितनी ज्यादा बदलती हैं, वो उतना ही पहले की तरह बनी रहती हैं. आज इसे फिर से पढ़ता हूं.
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