नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने कुछ दिनों पहले 8 सितंबर को टेक्सटाइल सेक्टर के लिए 10683 करोड़ रुपये के प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम का ऐलान किया था. अब टेक्सटाइल्स मिनिस्ट्री द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक सिर्फ देश में ही रजिस्टर्ड मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को इसका फायदा मिलेगा और इस स्कीम के तहत हिस्सा ले सकेंगी. मिनिस्ट्री द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक इस स्कीम के तहत आने वाली कंपनियों को अपने कारखानों में प्रोसेसिंग व ऑपरेशन एक्टिविटीज करनी होगी.
योजना के तहत पांच साल 2025-26 से 2029-30 में वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2028-29 के दौरान बढ़े हुए टर्नओवर के हासिल लक्ष्य के मुताबिक कंपनियों को इंसेंटिव दिया जाएगा. अगर कोई कंपनी एक साल पहले ही लक्ष्य को हासिल कर लेती है तो उन्हें एक साल पहले ही 2024-25 से 2028-29 में इंसेंटिव का फायदा मिलेगा.
मंत्रालय के नोटिफिकेशन के मुताबिक इंसेटिव हासिल करने के लिए जब क्लेम की गणना की जाएगी तो इसमें ट्रेडिंग और आउटसोर्स जॉब वर्क के जरिए हुए टर्नओवर को शामिल नहीं किया जाएगा. उन्हीं वस्तुओं के निर्माण के लिए कंपनी को पीएलआई योजना का फायदा मिलेगा जिन्हें स्कीम के तहत शामिल किया गया है.
अगर किसी कंपनी ग्रुप की कोई कंपनी पीएलआई स्कीम के तहत शामिल है और उसके किसी सामान को स्कीम के तहत शामिल किया गया है और वही सामान ग्रुप की कोई और कंपनी भी बना रही है तो ऐसी स्थिति में ग्रुप की अन्य कंपनी द्वारा बनाए गए सामानों को योजना के तहत नहीं माना जाएगा. योजना के तहत मैनमेड फाइबर के कपड़े व फैब्रिक और टेक्निकल टेक्सटाइल्स प्रॉडक्ट्स के 10 सेग्मेंट्स पर इंसेंटिव मिलेगा.
मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक टेक्सटाइल्स सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम के तहत किसी ग्रुप की एक ही कंपनी को शामिल किया जाएगा. कंपनी ग्रुप की एक कंपनी शामिल को योजना के तहत शामिल किए जाने के बाद ग्रुप की अन्य किसी कंपनी को दूसरे भागीदार के तौर पर शामिल नहीं किया जाएगा. हालांकि कंपनी ग्रुप आवेदन के समय एक से अधिक कंपनियों के लिए आवेदन कर सकते हैं लेकिन जब चयन होना होगा तो उन्हें एक कंपनी को चुनना होगा, अगर एक से अधिक कंपनियों शॉर्टलिस्ट हो जाते हैं.
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