Friday , April 19 2024
Breaking News

पंडोरा पेपर्स: ब्रिटिश कोर्ट में खुद को दिवालिया बताने वाले अनिल अंबानी की 18 ऑफशोर एसेट्स में होल्डिंग्स

Share this

नई दिल्ली. पनामा पेपर्स के बाद अब पंडोरा पेपर्स के जरिए लीक हुए ऑफशोर फाइनेंशियल रिकॉर्ड्स में कई अहम खुलासे हुए हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक ब्रिटिश कोर्ट में अनिल अंबानी खुद को बैंकरप्सी घोषित करते हैं लेकिन उनकी 18 ऑफशोर कंपनियों में एसेट होल्डिंग है. भगोड़े नीरव मोदी ने जब देश छोड़ा था, उससे एक ठीक महीने पहले मोदी की बहन ने एक ट्रस्ट स्थापित किया. इसके अलावा बॉयोकॉन की प्रमोटर किरण मजूमदार शॉ ने एक ऐसे शख्स के साथ ट्रस्ट स्थापित किआ जिसे इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में सेबी ने प्रतिबंधित किया है. ये सभी अहम खुलासे पंडोरा पेपर्स में हुए हैं.

पंडोरा पेपर्स के तहत हुए खुलासे में 300 से अधिक भारतीय नाम शामिल हैं जिसमें से करीब 60 इंडिविजुअल्स और कंपनियां ऐसी हैं जिनकी जांच चल रही है. इस सूची में सबसे चौंकाने वाला नाम दिग्गज पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर का रहा जिन्होंने पनामा पेपर्स के खुलासे के तीन महीने बाद ही ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में अपनी कंपनी के लिक्विडेशन के लिए कहा था. ऑफशोर टैक्स हैवेन्स में 14 कंपनियों से मिले 1.2 करोड़ दस्तावेजों से 29 हजार ऑफशोर कंपनियों व ट्रस्ट्स का खुलासा हुआ. ये दस्तावेज करीब दो साल पहले इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टीगेट जर्नलिस्ट्स को मिले थे. इंडियन एक्सप्रेस ने इन दस्तावेजों में करीब एक साल तक भारत से जुड़े अहम पहलुओं की जांच की कि किस तरह कुछ लोगों ने अपनी पहचान गुप्त रखते हुए ऑफशोर एसेट्स में निवेश किया.

पनामा पेपर्स के खुलासे के बाद कई देशों ने अपने नियमों को सख्त किया को भारत समेत कई ऑफशोर एंटिटी ने नए रास्ते तलाश किए. भारत में कर अधिकारियों ने इस वर्ष 2021 की शुरुआत में करीब 21 हजार करोड़ रुपये के अघोषित विदेशी व घरेलू एसेट्स की पहचान की. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कई नामी भारतीय व एनआरआई ने अपने ऑफशोर एसेट्स को एक बार फिर से व्यवस्थित किया ताकि किसी की पकड़ में न आ सकें.

भारतीय कारोबारी अपने कर्जदारों की नजरों से बचने के लिए ऑफशोर ट्रस्ट में निवेश कर रहे हैं. इसके अलावा आर्थिक मामलों में आरोपित लोग भी समोआ, बेलाइज या कुक आइलैंड जैसे टैक्स हैवेन्स में ऑफशोर नेटवर्क तैयार कर रहे हैं जोकि ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स या पनामा की तुलना में बहुत बड़ा है. पंडोरा पेपर्स में जिनके नाम सामने आए हैं, उनमें से अधिकतर के खिलाफ जांच चल रही है, जेल में हैं या जमानत पर बाहर हैं. अधिकतर लोग सीबीआई, ईडी और एसएफआईओ की जांच के दायरे में हैं.

पेंडोरा पेपर्स में कारोबारियों के अलावा राजनीतिज्ञों के नाम भी सामने आए हैं. कई ऐसे नाम शामिल हैं जो पहले भारतीय सांसद रह चुके हैं या जो देश में बड़े सरकारी पदों पर रह चुके हैं. इसके अलावा सूची में ऐसे भी लोगों के नाम सामने आए हैं जो ऑफशोर सिस्टम को खत्म कर सकते थे लेकिन उन्होंने इसका फायदा उठाया. 14 ऑफशोर सर्विस प्रोवाइडर से मिले गोपनीय आंकड़ों के मुताबिक इसमें पूर्व रेवेन्यू सर्विस ऑफिसर, पूर्व टैक्स कमिश्नर, पूर्व वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, पूर्व शीर्ष कानून अधिकारी इत्यादि शामिल हैं.

पंडोरा पेपर्स में भारत समेत दुनिया भर के कई बड़े-बड़े लोग शामिल हैं. इसमें जॉर्डन के राजा; यूक्रेन, केन्या व इक्वाडोर के राष्ट्रपति; चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर का नाम भी शामिल है. इसके जरिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के अनाधिकारिक प्रचार मंत्री और भारत, रूस, अमेरिका, मैक्सिको समेत अन्य देशों के 130 से अधिक अरबपतियों के लेन-देन की जानकारी मिलती है.

Share this
Translate »