Thursday , March 28 2024
Breaking News

मायावती ने की मतदान से पहले सर्वे पर रोक लगाने की मांग, कहा- चुनाव आयोग को लिखूंगी चिट्ठी

Share this

लखनऊ. बसपा सुप्रीमो मायावती ने विरोधी दलों को आड़े हाथ लिया है. बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में आयोजित एक जनसभा में उन्होंने विरोधियों पर जमकर निशाना साधा. इसके अलावा उन्होंने चुनाव से पहले सर्वे पर रोक लगाने की मांग भी की.

मायावती ने कहा कि यूपी में जब बसपा की 2007 में सरकार बनी थी तब हमने यहां प्रदेश और आम जनता के लिए युद्ध स्तर पर चौतरफा विकास किया था. प्रदेश में बेहतरीन कानून व्यवस्था दी थी जिसकी पूरे देश में सराहना की गई थी, लेकिन ये सब विरोधियों को अच्छा नहीं लगा. तब से यहां जातिवादी, संकीर्ण और पूंजीवादी पार्टियां एकजुट होकर बसपा को सत्ता में आने से रोकने में लगी है. इस वजह से बीते दो विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी सरकार नहीं बना पाई.

मायावती ने कहा कि प्रदेश में एक पार्टी ऐसी भी है जो दूसरी पार्टियों के स्वार्थी किस्म के लोगों को अपनी पार्टी में शामिल कराके अपने कुनबे और परिवार को बढ़ाने में लगी रहती है. जिसके शासनकाल में प्रदेश की जनता खासकर कानून व्यवस्था के मामले में दुखी रही है. ऐसी पार्टी के बहकावे में नहीं आना है.

मायावती ने आगे कहा कि चुनाव घोषित होने से कुछ समय पहले व वोटिंग होने तक भी हमारी पार्टी को नुकसान पहुंचाने के लिए या बसपा के विरुद्ध प्रायोजित मीडिया भी हमारी स्थिति को जानबूझकर काफी कमजोकर दर्शाता रहेगा. जिससे पार्टी के लोगों को गुमराह नहीं होना है. इसको लेकर मुख्य चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखेंगे कि किसी भी राज्य में जब चुनाव के लिए 6 महीने रह जाए तो तब से लेकर वोटिंग तक सभी एजेंसी के सर्वे पर रोक लगे. ताकि चुनाव प्रभावित ना हो सके.

मायावती ने कहा कि बंगाल में जब विधानसभा चुनाव चल रहा था तो वहां पर नतीजे से पहले सर्वे में ममता बनर्जी की पार्टी को बहुत पीछे दिखाया, लेकिन नतीजे उलट आए. जो सत्ता के सपने देख रहे थे उनका सपना चकनाचूर हुआ और ममता भारी सीटों से जीतीं. इसीलिए सर्वे के बहकावे में ना आए

मायावती ने आगे कहा कि चुनाव के नजदीक बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकार अपने पक्ष में हवा बनाने के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर रही है. हो सकता है कि जब इससे भी इनका काम नहीं चलने वाला तो तब ये पार्टी आखिर में इस चुनाव को किसी भी मामले में हिंदू मुस्लिम सांप्रदायिक रंग देकर फायदा उठाने का पूरा प्रयास कर सकती है.

मायावती ने ये भी कहा कि पूरे देश के किसान केंद्र के बनाए गए तीनों कानूनों को लेकर अभी तक आक्रोशित है. आंदोलित किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है. इस मामले में लखीमपुर खीरी की घटना ताजा उदाहरण है. इसके अलावा ये पार्टी चुनाव के दौरान कोरोना नियमों के आड़ में हमारी पार्टी के लोगों को परेशान कर सकती है. इसे ध्यान में रखकर लोगों को कोरोना नियमों का पालन करना है.

मायावती ने कहा कि BJP, SP, कांग्रेस, AAP वोट के लिए जनता से वादे कर रही हैं जो हवा हवाई हैं. उनमें रत्ती भर भी दम नहीं है. विरोधी पार्टियां चुनावी घोषणापत्रों में कुछ ज्यादा ही प्रलोभन भरे चुनावी वादे करने वाली हैं. मायावती ने आगे कहा कि हमारी सरकार बनने पर इस बार सबसे ज़्यादा जोर यहां के गरीब और बेरोजगार नौजवानों को रोटी रोजी के साधन उपलब्ध कराने पर होगा. इस बार यही हमारी पार्टी का मुख्य चुनावी मुद्दा भी होगा. केंद्र और राज्य की जो भी योजनाएं चल रही हैं उन्हें बदले की भावना से रोका नहीं जाएगा.

Share this
Translate »