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मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किए गए नीरज चोपड़ा, शिखर धवन को मिला अर्जुन अवॉर्ड

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नई दिल्ली. बीते चार सालों में खेल के क्षेत्र में शानदार कार्य करने वाले भारतीय खिलाडिय़ों को आज राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया जा रहा है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति भवन में आयोजित हो रहे कार्यक्रम में टोक्यो ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा सहित 11 खिलाडिय़ों को 2021 के मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड से सम्मानित कर रहे हैं. वहीं क्रिकेटर शिखर धवन को अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जा रहा है.

इन खिलाडिय़ों को मिला खेल रत्न अवॉर्ड

– नीरज चोपड़ा (जेवलिन)
– रवि कुमार (पहलवान)
– लवलीना बोरगोहेन (मुक्केबाज)
– पीआर श्रीजेस (हॉकी)
– अवनी लेखरा (निशानेबाज)
– सुमित अंतिल (जेवलिन)
– प्रमोद भगत (पैरा बैडमिंटन)
– मनीष नरवाल (शूटर)
– मिताली राज (क्रिकेटर)
– सुनील क्षेत्री (फुटबॉल)
– मनप्रीत सिंह (हॉकी)

नीरज चोपड़ा (जेवलिन थ्रो)- हरियाणा के नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलिंपिक 2021 में एथलेटिक्स में देश के लिए ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में ओलिंपिक मेडल जीतने वाले पहले एथलीट हैं. उन्होंने फाइनल में 87.58 मीटर जेवलिन थ्रो कर गोल्ड मेडल जीता था. नीरज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 6 बड़े टूर्नामेंट में मेडल जीत चुके हैं. वे 2018 में जकार्ता एशियन गेम्स, गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स, 2017 में एशियन चैंपियनशिप, 2016 में साउथ एशियन गेम्स, 2016 में जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं, जबकि उन्होंने 2016 में जूनियर एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था.

रवि दहिया (कुश्ती)- रवि दहिया हरियाणा के रहने वाले हैं. उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक 2021 में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता था. रवि सुशील कुमार के बाद कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय बने थे. फाइनल में रवि 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी में 2 बार के वर्ल्ड चैंपियन जावुर युगुऐव से हार गए थे. इससे पहले रवि ने 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. वहीं, 2020 और 2021 एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. 2018 अंडर-23 चैंपियनशिप में रवि के नाम सिल्वर मेडल आया था.

लवलिना बोरगोहेन (बॉक्सिंग)- लवलिना बोरगोहेन असम के गोलाघाट जिले की रहने वाली हैं. उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक 2021 में 69 किग्रा वेट कैटेगरी में भारत के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता था. लवलिना बॉक्सिंग में भारत को मेडल दिलाने वाली ओवरऑल तीसरी और महिलाओं में दूसरी बॉक्सर हैं. लवलिना से पहले विजेंदर सिंह (2008) और मेरीकॉम (2012) में मेडल जीत चुके हैं. लवलिना 2018 और 2019 में हुए वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी हैं.

अवनि लेखरा (पैरा शूटिंग)- अवनि लेखरा राजस्थान की रहने वाली हैं. उन्होंने टोक्यो पैरालिंपिक में 10 मीटर एयर राइफल में भारत को गोल्ड दिलाया था. फाइनल में उन्होंने 249.6 पॉइंट हासिल कर उन्होंने यूक्रेन की इरिना शेटनिक के रिकॉर्ड की बराबरी भी की थी. अवनि देश की पहली महिला खिलाड़ी बनी थी जिन्होंने शूटिंग में ओलिंपिक या पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल जीता हो.

प्रमोद भगत (पैरा बैडमिंटन)- प्रमोद बिहार के हाजीपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने टोक्यो पैरालिंपिक 2021 में बैडमिंटन में भारत के लिए गोल्ड जीता था. प्रमोद को 2019 में अर्जुन अवॉर्ड और ओडिशा सरकार की ओर से बीजू पटनायक अवॉर्ड भी मिल चुका है. प्रमोद के लिए यह साल बेहतरीन रहा है. उन्होंने अप्रैल में दुबई पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में दो गोल्ड मेडल जीते थे. उन्होंने सिंगल्स में स्वर्ण पदक जीतने के अलावा मनोज सरकार के साथ मिलकर एसएल4-एसएल3 वर्ग में मिक्स्ड डबल्स का स्वर्ण पदक भी जीता था. प्रमोद वर्ल्ड चैम्पियनशिप में चार गोल्ड समेत 45 इंटरनेशनल पदक जीत चुके हैं.  2018 पैरा एशियाई खेलों में उन्होंने एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता था.

सुमित अंतिल (जेवलिन थ्रो)- सुमित अंतिल हरियाणा के रहने वाले हैं. टोक्यो पैरालिंपिक 2021 में उन्होंने भारत के लिए गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. सुमित ने जेवलिन थ्रो की स्न64 कैटेगरी में वर्ल्ड रिकॉर्ड के साथ सोना जीता था. उन्होंने फाइनल में 68.55 मीटर का बेस्ट थ्रो किया था. सुमित ने साल 2018 में एशियन चैंपियनशिप में भाग लिया, 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप उन्होंने सिल्वर मेडल जीता. सुमित यही नहीं रुके और इसी साल नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर खुद को साबित किया. इसके बाद उन्होंने 2019 के पेरिस ओपन हैंडीक्राफ्ट में सिल्वर मेडल जीता. 2019 में ही दुबई में हुए वर्ल्ड पैरा-एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी सुमित सिल्वर जीतने में सफल रहे.

मनीष नरवाल (पैरा शूटिंग)- मनीष नरवाल हरियाणा के फरीदाबाद जिले के रहने वाले हैं. मनीष ने टोक्यो पैरालिंपिक में गोल्ड अपने नाम किया था. उन्होंने 218.2 का स्कोर कर पहला स्थान हासिल किया था. मनीष नरवाल फुटबॉलर बनना चाहते थे. दिव्यांगता के बावजूद उन्होंने पिता के सहयोग से शूटर बनने का अपना सपना पूरा किया और शूटिंग में ही करियर बनाया.

कृष्णा नागर (बैडमिंटन)- कृष्णा नागर जयपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने टोक्यो पैरालिंपिक में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. वो पहले क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन लंबाई कम होने के कारण उन्होंने क्रिकेट खेलना छोड़ दिया. इसके बाद उन्होंने वॉलीबॉल खेलना शुरू किया. कृष्णा के पिता ने उन्होंने बैडमिंटन खेलने की सलाह दी और कृष्णा को सवाई मानसिंह स्टेडियम लेकर गए. जहां साल 2017 से उन्होंने बैडमिंटन खेलना स्टार्ट किया. कृष्णा ने पिछले चार साल जमकर मेहनत की और भारत को गोल्ड दिलाया.

मनप्रीत सिंह (हॉकी)- मनप्रीत सिंह पंजाब के जालंधर के रहने वाले हैं. भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने 41 साल बाद टोक्यो ओलिंपिक 2021 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था. इस टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ही थे. ओलिंपिक में भारतीय टीम को 2021 से पहले 1980 के मॉस्को में पदक मिला था, तब वासुदेवन भास्करन की कप्तानी में टीम ने गोल्ड जीता था. मनप्रीत टोक्यो ओलिंपिक की ओपनिंग सेरेमनी में भारत के ध्वजवाहक भी थे.

पीआर श्रीजेश- पीआर श्रीजेश केरल के एर्णाकुलम के रहने वाले हैं. वो भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर हैं. टोक्यो ओलिंपिक 2021 में वो ऐसी दीवार बने जिसे तोडऩा हर टीम के लिए नामुमकिन हो गया. 2004 में उन्हें जूनियर नेशनल टीम में जगह मिली. दो साल वो साउथ एशियन गेम्स में सीनियर टीम का हिस्सा बन गए. 2008 में इंडिया ने हॉकी का जूनियर विश्व कप जीता वे टूर्नामेंट के बेस्ट गोलकीपर थे.

सुनील छेत्री- सुनील छेत्री का जन्म आंध्र प्रदेश के सिकंदराबाद में हुआ था. वो इंडियन सुपर लीग में बेंगलुरु एफसी और भारतीय टीम दोनों के कप्तान हैं. छेत्री ने 2002 में मोहन बागान में अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की थी. सुनील ने सैफ चैंपियनशिप के फाइनल में नेपाल के खिलाफ अपने नाम एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की थी. छेत्री ने मैच के 49वें मिनट में गोल दागा था. इसके साथ ही वह अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉलर लियोनल मेसी के 80 इंटरनेशनल गोल की बराबरी कर ली थी.

मिताली राज- मिताली राज भारत की वनडे टीम की कप्तान हैं. उन्होंने क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट को मिलाकर 20,000 रन बनाए हैं. इस मुकाम को हासिल करने वाली मिताली दुनिया की पहली महिला क्रिकेटर हैं. मिताली ने साल 1999 में भारत के लिए डेब्यू किया था. वो पिछले 22 सालों से लगातार भारत के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करती आ रही हैं. मिताली को 2015 में पद्म श्री और 2003 में अर्जुन अवार्ड भी मिल चुका है.

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