लखनऊ. केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है. जिसके बाद सभी राजनीतिक दलों ने इसका स्वागत किया है. बीएसपी सुप्रीमो और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्र सरकार को किसानों से जुड़ी अन्य समस्याओं के समाधान की नसीहत दी है. मायावती ने कहा, केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून तो वापस ले लिए हैं लेकिन सरकार को किसान संगठनों के साथ बैठ कर उनकी समस्याओं का समाधान करना चाहिए ताकि किसान लोग खुशी-खुशी अपने घर वापस जाकर अपने काम में लग जाएं. केंद्र सरकार को इस मामले को ज्यादा नहीं लटकाना चाहिए.
केंद्र सरकार के कानून वापस लेने पर भी मायावती ने खुशी जाहिर की थी. उन्होंने ट्वीट कर कहा था, देश में तीव्र आंदोलन के बाद तीन विवादित कृषि कानूनों की वापसी की केंद्र सरकार की घोषणा का देर आए दुरुस्त आए कहकर स्वागत किया गया, किन्तु इसे चुनावी स्वार्थ व मजबूरी का फैसला बताकर भाजपा सरकार की नीयत पर भी शक किया जा रहा है. अतः इस बारे में कुछ और ठोस फैसले जरूरी हैं.
मायावती ने इसके साथ ही किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की थी. उन्होंने कहा था, इसके लिए केंद्र किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नया कानून बनाने तथा देश की आन, बान व शान से जुड़े अति गम्भीर मामलों को छोड़कर आन्दोलित किसानों पर दर्ज बाकी सभी मुकदमों की वापसी आदि भी सुनिश्चित करे, तो यह उचित होगा.
कृषि कानूनों को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को अब एमएसपी की गारंटी के लिए कानून लाना चाहिए. जब तक एमएसपी की गारंटी नहीं होगी तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा. जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक आंदोलन वापस नहीं होगा. राकेश टिकैत ने कहा कि जब एमएसपी की गारंटी होगी तो बाजारों में फसल की एक कीमत होगी. अभी बाजार किसान की फसल की कीमत लगाता है. अनाज की क्वालिटी को खराब बता कर उसकी कम कीमत दी जाती है.
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