वॉशिंगटन. अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के 2 डॉक्टर्स का मानना है कि कोरोना वायरस के मध्यम ओमिक्रॉन वेरिएंट को तेजी फैलने देना चाहिए. यह कोरोना महामारी की गिरफ्त से बाहर आने का एक सुरक्षित तरीका साबित हो सकता है. हालांकि कुछ विशेषज्ञ इसे सही नहीं मानते हैं. इन मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है इस तरह की रणनीति से संक्रमण के मामले आग की तरह फैलेंगे.
भारतीय मूल के डॉ विवेक रामास्वामी और अप्रूवा रामास्वामी ने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट के संक्रमण को कम करने के लिए तैयार की गई पॉलिसी पर विचार करने की जरुरत है क्योंकि यह वेरिएंट अति संक्रामक और वैक्सीन से निर्मित एंटीबॉडीज को प्रभावित करने वाला है. इसलिए जोखिम को कम करने के लिए पॉलिसी मेकर्स को हल्के लक्षण वाले इस वेरिएंट के संक्रमण को फैलने देना चाहिए. हालांकि इससे थोड़ी मुश्किल होगी लेकिन यह आगे चलकर कई जिंदगियों को बचाएगा.
डॉ विवेक रामास्वामी, रोईवेंट साइंसेज के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन और अप्रूवा रामास्वामी, ओहियो यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर में प्रोफेसर हैं. इन दोनों हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहा कि दुनियाभर में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी उपायों पर राय व्यक्त करते हुए कहा कि, हमें मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को खत्म कर देना चाहिए क्योंकि इससे संक्रमण की रोकथाम नहीं हो पा रही है.
हालांकि इन दोनों डॉक्टर्स के नजरिये को अन्य विशेषज्ञों ने खारिज किया है. इन लोगों ने कहा कि ऐसा करना इरादतन ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित होने जैसा है और यह एक खतरनाक व विस्फोटक विचार है. वहीं इन डॉक्टर्स के मत का काफी विरोध देखने को मिला है. कुछ लोगों ने हेल्थ एक्सपर्ट्स की विश्वसनियता पर भी सवाल उठाए हैं.
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