Wednesday , November 6 2024
Breaking News

8 सालों में देश की गरीबी 12.3% घटी, सरकार की योजनाओं से बदले हालात- विश्व बैंक की रिपोर्ट में दावा

Share this

नई दिल्ली. भारत में चरम गरीबी में 2011 की तुलना में 2019 में 12.3 प्रतिशत की कमी आई है. गरीबी का आंकड़ा 2011 में 22.5त्न से घटकर 2019 में 10.2% हो गया है. गरीबी में ग्रामीण क्षेत्रों में तुलनात्मक रूप से तेज गिरावट आई है. विश्व बैंक पॉलिसी रिसर्च के वर्किंग पेपर में यह जानकारी दी गई है.

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की ओर से प्रकाशित वर्किंग पेपर में भी कहा गया था कि भारत ने चरम गरीबी को लगभग समाप्त कर दिया है. साथ ही राज्य की ओर से दिए जाने वाले खाद्य हैंडआउट्स के माध्यम से 40 वर्षों में उपभोग असमानता अपने निम्नतम स्तर पर है.

ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी में ज्यादा आई कमी

शहरी भारत की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी में कमी अधिक आई है. ग्रामीण गरीबी 2011 में 26.3त्न से घटकर 2019 में 11.6% हो गई है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह गिरावट इसी अवधि के दौरान 14.2% से घटकर 6.3% हो गई. विश्व बैंक के वर्किंग पेपर में कहा गया है कि ग्रामीण और शहरी गरीबी में 2011-2019 के दौरान 14.7 और 7.9 प्रतिशत अंक की गिरावट आई है. भारत में गरीबी पिछले एक दशक में कम हुई है, लेकिन उतनी नहीं जितनी पहले सोचा गया था. यह पेपर संयुक्त रूप से अर्थशास्त्री सुतीर्थ सिन्हा रॉय और रॉय वैन डेर वेइड ने लिखा है. विश्व बैंक नीति शोध कार्य पत्रों का उद्देश्य विकास पर विचारों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना और रिसर्च के नतीजों को शीघ्रता से प्रसारित करना है.

छोटे आकार की जोत वाले किसानों को भी लाभ हुआ

अध्ययन के अनुसार, छोटे आकार की जोत वाले किसानों ने उच्च आय वृद्धि का अनुभव किया है. इसमें कहा गया है, सबसे छोटी जोत वाले किसानों के लिए वास्तविक आय में दो सर्वेक्षण दौर (2013 और 2019) के बीच वार्षिक रूप से 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि सबसे बड़ी जोत वाले किसानों के लिए 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. विश्व बैंक का पेपर काफी अहम है, क्योंकि भारत के पास हाल की अवधि का कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है. अंतिम व्यय सर्वेक्षण 2011 में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन की ओर से जारी किया गया था, जब देश ने गरीबी और असमानता के आधिकारिक अनुमान भी जारी किए थे.

Share this
Translate »