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भक्तों में बेजोड़ आस्था की होड़, नोटबंदी के चलते फंसे मंदिर के 25 करोड़

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तिरूपति। बेहद गौर करने की बात है कि नोटबंदी का असर सिर्फ इन्सानों पर नही पड़ा बल्कि कुछ हद तक इसका असर भगवान पर भी पड़ा है जिसकी बानगी है कि  भक्तों की आस्था के सबसे बड़े केंद्र में से एक तिरूमाला के प्रसिद्ध भगवान वेंकटेश्वर मंदिर भी नोटबंदी की परेशानी से अब तक उबर नहीं पाया है। मंदिर में 500 और 1000 के चलन से बाहर हो चुके पुराने नोटों में करीब पच्चीस करोड़ की राशि जमा हुई है।

गौरतलब है कि मंदिर के एक अधिकारी ने बताया कि श्रद्धालुओं ने दानपत्र में पांच सौ और हजार के चलन से बाहर पुराने नोट डाले हैं। 8 नवंबर, 2016 को केंद्र सरकार द्वारा पुराने 500-1000 रुपए के नोटों पर प्रतिबंध लगाने के कुछ महीनों बाद यह राशि दान पात्र में डाली गई है।

हालांकि इन नोटों को बदलने के लिए मंदिर द्वारा आरबीआई को पत्र लिखा गया है। बता दें कि तिरूमाला तिरूपति देवस्थानम( टीटीडी) के अतिरिक्त वित्त सलाहकार और मुख्य एकाउंट अधिकारी ओ बालाजी ने बताया कि श्रद्धालुओं के नकदी चढ़ाने से जुड़ी भावनाओं को ध्यान में रखते हुये टीटीडी ने नोट बदलने के लिए आरबीआई को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि वे एक सकारात्मक जवाब का इंतजार कर रहे हैं।

ज्ञात हो कि 8 नवंबर, 2016 को रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था। जिसके बाद 500 और 1000 के करेंसी नोट चलन से बाहर हो गए थे। नोटबंदी के दौरान सरकार ने लोगों को नोट बदलने के लिए 31 दिसंबर तक का वक्त दिया था।

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