Wednesday , April 24 2024
Breaking News

प्राइवेट कर्मचारियों को सौगात दी, अब 20 लाख तक की टैक्स फ्री ग्रेच्युटी

Share this

नई दिल्ली। लोकसभा में आज पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी अमेंडमेंट बिल (ग्रेच्युटी संशोधन विधेयक) का भुगतान और स्पेसिफिक रिलीफ अमेंडमेंट बिल (विशिष्ट राहत संशोधन विधेयक) जैसे दो महत्वपूर्ण विधेयकों को मंजूरी दे दी गई। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी माना कि इन बिलों पर चर्चा होनी चाहिए विशेषकर पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी अमेंडमेंट बिल पर लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण उन्होंने श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार को इस बिल के अमेंडमेंट को मंजूरी दे दी।

गौरतलब है कि यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों को सशक्त बनाते हुए यह चिन्हित करता है कि लगातार अपनी सेवाएं देने के एवज में वह कितनी अवधि तक के लिए मातृत्व अवकाश पाने की योग्यता रखता है और यह कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की राशि का निर्धारण भी करता है।

जिसके मुताबिक 1961 एक्ट के तहत मैटर्निटी लीव की अधिकतम सीमा 12 हफ्तों की थी लेकिन अब मैटर्निटी बेनिफिट (अमेंडमेंट) एक्ट 2017 के तहत इसे बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दिया गया है। इस बिल में 1972 के अधिनियम में 12 सप्ताह के संदर्भ को हटा दिया गया है और केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अधिक मैटर्निटी लीव की सुविधा देकर सशक्त किया गया है।

वहीं ज्ञात हो कि 1961 एक्ट के मुताबिक कर्मचारियों को दी जाने वाली अधिकतम ग्रेच्युटी की सीमा 10 लाख निर्धारित थी, लेकिन अब इस सीमा को हटा दिया गया है। इसमें कहा गया है कि इसकी सीमा को केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचित किया जा सकता है। बिल में संशोधन के बाद अब प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को 20 लाख रुपए तक टैक्स फ्री ग्रेच्युटी मिल सकेगी। वहीं केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पहले ही 20 लाख रुपए तक टैक्स् फ्री ग्रैच्युटी का प्रावधान है।

 

Share this
Translate »