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भारतीयों की मौत के मुद्दे पर कांग्रेस देगी विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव सुषमा के खिलाफ

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नयी दिल्ली। इराक में 39 भारतीयों की मौत के मुद्दे पर सदन क ‘‘गुमराह’’ करने के लिए कांग्रेस ने आज फैसला किया। इराक के मोसुल शहर में साल 2014 में इन भारतीयों का अपहरण किया गया था। कांग्रेस सांसद अंबिका सोनी, प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दुल्लो ने बताया कि इस मुद्दे पर औपचारिकताएं पूरी करने और दस्तावेजों का व्यापक अध्ययन करने के बाद वह उच्च सदन में सुषमा के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाएंगे।

उन्होंने सुषमा पर सदन को चार साल तक गुमराह करने का आरोप लगाया और उन्हें उन स्रोतों का खुलासा करने की चुनौती दी जिनके आधार पर सुषमा ने आतंकी संगठन आईएसआईएस द्वारा अपहृत 39 भारतीयों के जीवित होने का दावा किया था। सोनी ने संवाददाताओं को बताया‘‘ मैं सुषमा स्वराज पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाती हूं। सदन में मंत्री का बयान एक आश्वासन होता है। उन्होंने आश्वासन दिया था कि ये लोग जीवित हैं। हमारे सूत्र सही साबित हुए और उनके विश्वसनीय सूत्र गलत साबित हुए।’’

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता ने कहा कि संसद को गुमराह करने और 39 भारतीय नागरिकों के जीवन के साथ‘‘ खिलवाड़’’ करने की संवेदनहीनता के लिए वे विदेश मंत्री के खिलाफ निश्चित रूप से विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाएंगे। सोनी ने कहा, ”यह किसकी गलती है, किसने गुमराह करने की कोशिश की और चार साल तक इस मुद्दे को दबाए रखा।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह जिम्मेदारी विदेश मंत्री की है।

केंद्र सरकार पर मोसुल हादसा दबाने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए सोनी ने कहा कि इस मुद्दे को उठाने के लगातार प्रयासों के बावजूद कुछ भी नहीं कहा गया। उन्होंने कहा, ” हमने इस मुद्दे को उठाने की लगातार कोशिश की लेकिन सुषमा ने हमेशा कहा कि वह सूत्रों का और किसी भी दस्तावेज का खुलासा नहीं कर सकतीं। हमेशा ही वह उन 39 भाारतीयों के जीवित होने का दावा करती रहीं। इस मुद्दे पर लीपापोती करने की सरकार की कोशिश से मृतकों के परिवारों में भ्रम पैदा हुआ।’’

सोनी ने कहा, ” हमें इराक से यह जानकारी मिली कि उन लोगों की मौतकम से कम एक साल पहले ही हो चुकी थी। लेकिन हमारी सरकार इतनी संवेदनहीन है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार को पीड़ित परिवारों को हुए नुकसान की भरपाई करनी चाहिए।‘‘ यह सरकार कुछ खास लोगों की ही है और शेष लोग परेशानी का ही सामना करते हैं।’’ बाजवा ने भी सरकार पर इस मुद्दे से अस्पष्टता के साथ निपटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इराक में मारे गए लोग गरीब मजदूर थे।

उन्होंने कहा, ” आज, हरजीत मसीह का बयान सही साबित हुआ। मैं सुषमा स्वराज से जानना चाहता हूं कि उनके सूत्र या स्रोत क्या हैं। पूरा देश जानना चाहता है। आपने इन लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ क्यों किया।’’ हरजीत मसीह भारतीयों के उस समूह में शामिल था जिनका मोसुल में अपहरण किया गया था। हरजीत का दावा है कि वह बहुत ही मुश्किल से आईएसआईएस के चंगुल से बच कर भाग निकला और शेष39 भारतीय मारे गए।

राज्यसभा सदस्य बाजवा ने कहा कि संवेदनशील नीतिगत मुद्दे के बारे में संसद सत्र में बताया जाता है लेकिन जब कोई मारा जाता है या शहीद होता है तो मृतक के परिवार को पहले सूचना दी जाती है। बाजवा ने सवाल किया‘‘ उनको( सुषमा को) किसने ऐसा करने से रोका था। यहां तक कि, इस मुद्दे पर दो दिन पहले उनका जो रूख था वह भी अजीब था। इस मुद्दे पर इतनी संवेदनहीनता… इतनी अस्पष्टता…. ।’’

उन्होंने कहा, ” हम मोदी जी और सुषमा जी से पूछना चाहते हैं कि आपने मृतकों के परिवारों के लिए कोई मुआवजे का ऐलान भी नहीं किया। हमने एक एक करोड़ रूपये के मुआवजे और प्रत्येक पीड़ित परिवार के एक एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग की है।’’ बाजवा ने दावा किया कि जब भी सरकार सवालों के घेरे में आती है तो वह मुद्दे को हाशिये पर डालने की कोशिश करती है। उन्होंने यह भी दावा किया कि संसद इसलिए नहीं चल रही है क्योंकि सरकार के सहयोगियों की हालत ठीक नहीं है।

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